भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब इंग्लिश स्पीकिंग एक सब्जेक्ट के रूप में शामिल किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। ब्रिटिश काउंसिल की ओर से अंग्रेजी विषय के सरकारी शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और अगले शिक्षण सत्र से स्पोकन इंग्लिश को कक्षा 9 से 12 के बीच एक विषय के रूप में शामिल कर लिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल का कहना है कि इस विषय के कई फायदे होंगे। एमपी बोर्ड से पास होकर प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को अब स्पीकिंग इंग्लिश के कारण शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अंग्रेजी विषय के शिक्षकों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी
मध्यप्रदेश के के सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी विषय के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं ब्रिटिश काउंसिल के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह 15 से 19 अक्टूबर के बीच जिले के जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय में दिया जाएगा। प्रशिक्षण शिविर में चयनित शिक्षकों को पहुंचना अनिवार्य है। ट्रेनिंग के बाद प्रशिक्षित शिक्षक छात्रों को अंग्रेजी बोलने सिखाएंगे यानी इंग्लिश स्पीकिंग क्लास चलाएंगे।
अगले शिक्षा सत्र में विषय के रूप में शामिल कर लिया जाएगा
अगले सत्र में इसे स्पोकन विषय के रूप में तैयार करके शामिल कर लिया जाएगा। विभाग ने 2022 तक छात्रों के इंग्लिश बोलना सिखाने का लक्ष्य रखा है, ताकि बच्चे आईआईटी जैसे इंटरव्यू में शामिल हो सके और उनके दिलो-दिमाग से अंग्रेजी में बात ना करने पाने की झिझक खत्म हो सके। अभी केवल 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को ही इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स कराया जाएगा।
कई सालों की रिसर्च के बाद तैयार किया सिलेबस
माशिमं ने ब्रिटिश काउंसिल के साथ एक करार किया है। ब्रिटिश काउंसिल ने स्पोकन इंग्लिश प्रोग्राम तैयार करने के लिए कई वर्षों की रिसर्च की। इसमें शिक्षकों को इसके लिए प्रिशिक्षित किया जाएगा कि यह एक विषय नहीं बल्कि एक भाषा है। भाषा सिखाने के लिए किन-किन बातों का ख्याल रखा जाता है और किस तरह से इसे आम बोलचाल में सिखाया जा सके।