GWALIOR NEWS: ब्रह्मजीत ब्राह्मण सुसाइड मामले में ग्वालियर पुलिस के खिलाफ चक्काजाम

ग्वालियर। दहेज के लिए ससुराल में बेटी को प्रताडि़त करने वालों पर पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने से दुखी पिता ने सोमवार को फांसी पर झूलकर मौत को गले लगा लिया। वहीं मंगलवार को पुलिस के खिलाफ आक्रोशित लोगों ने रामदास घाटी पर डेड बॉडी को रखकर चक्का जाम कर दिया। लोग इसलिए आक्रोशित हैं क्योंकि एसपी नवनीत भसीन ने खुद वृद्ध ब्राह्मण को कहा था कि इस मामले में प्रकरण दर्ज होना चाहिए और खुद ही संबंधित थाने जाने के लिए कहा था, फिर भी मामला दर्ज नहीं किया गया। ब्रह्मजीत ब्राह्मण सवा साल से थाने के चक्कर लगा रहा था।

यदि पुलिस सुनवाई करती तो ब्रह्मजीत ब्राह्मण जिंदा होते

बेटी की कुछ समय शादी के बाद उसके ससुराल वालों ने उसे प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। यहां तक कि लडक़ी को घर से भगा दिया, इसको लेकर परेशान ब्रह्मजीत शर्मा करीब सवा साल से महिला थाने के चक्कर लगा रहा था। लेकिन पुलिस उसकी परेशानी को समझने के बजाय समय देकर टालती रही, हताश होकर सोमवार रात को उसने फांसी लगा ली। पुलिस की लापरवाही से झकझोर कर रख देने वाली घटना सोमवार को सत्यनारायण की टेकरी पर हुई। यदि पुलिस ने संवेदनशील होकर गरीब की बात को सुना होता तो एक परिवार उजडऩे से शायद बच जाता।

थाना प्रभारी शैलेजा गुप्ता को सस्पेंड करने की मांग

ब्रह्मजीत की मौत के बाद लोगों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा और लोगों ने चक्का जाम कर दिया। इसमें पार्षद शशि शर्मा, सुरेन्द्र चौहान, सीताराम चौहान, पप्पू, अर्जुन सिकरवार ने मृतक के पुत्र के साथ सहानुभूति के चलते चक्काजाम किया। जैसे ही मृतक का शव घर पर आया वैसे ही परिजन व मोहल्ले वालों ने शव को बीच सडक़ पर रखकर चक्काजाम लगा दिया और महिला थाना प्रभारी शैलेजा गुप्ता को निलम्बित करने की मांग करने लगे।

चक्काजाम होते ही पुलिस सक्रिय हो गई

चक्काजाम की खबर सुनते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजन व मोहल्ले वालों को समझाने का प्रयास किया मगर वह अपनी मांग पर अड़े रहे और चक्काजाम नहीं खोला। तब एसपी नवनीत भसीन ने तुरंत ही महिला थाना प्रभारी शैलेजा गुप्ता को निलम्बित कर व मामले में उचित करने का आश्वासन दिया। तब जाकर उन्होंने चक्काजाम खोला।

सुसाइट नोट में लिखा है: पुलिस से तंग आकर आत्महत्या कर रहा हूं

मौत से पहले सुसाइड नोट में लिखा कि महिला थाने में हर बार नई तारीख थमाई जाती रही है, इससे तंग आ चुका हूं। पुलिस मेरी शिकायत नहीं सुन रही है इसलिए सुसाइड कर रहा हूं। घर वालों के मुताबिक ब्रह्मजीत करीब सवा साल से महिला थाने के हर दिन चक्कर काट रहे थे कि बेटी दिव्या को ससुराल में प्रताडि़त किया गया
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