ग्वालियर। ग्वालियर पुलिस हरिशंकरपुर में एकाउंटेंट रवि दीक्षित के घर हुई डकैती के बाद भी चाक चौबंद नहीं हुई। हालात यह थे कि एसपी नवनीन भसीन ने खुद शहर में निकलकर वस्तुस्थिति जांचने के बजाए आरआई अरविंद दांगी को अपना प्रतिनिधि बनाकर औचक निरीक्षण के लिए भेज दिया। इस दौरान पाया गया कि गश्त पर तैनात पुलिस कर्मचारियों को किसी भी अधिकारी ने कोई निर्देश नहीं दिया था। ज्यादातर गश्ती दल अलसाए हुए से मिले।
बेंच पर बैठकर गप्पे हांक रही थी पुलिस
एसपी के निर्देश पर रक्षित निरीक्षक अरविन्द दांगी रात्रि गश्त में निकले पुलिसकर्मियों का औचक निरीक्षण करने प्रायवेट वाहन से निकले। अधिकतर प्वाइंटों पर पुलिस जवान सुस्ती में थे, जिन्हें रक्षित निरीक्षक ने डांट लगाई और संदेहियों की जांच के निर्देश दिए। गश्त चेक करते हुए रक्षित निरीक्षक जब नदी गेट पर पहुंचे तो वहां पर चेकिंग के लिए आए जवान वहां लगी बेंच पर बैठकर गप्पे हांक रहे थे। काफी देर तक उनकी गतिविधि देखने के बाद श्री दांगी वहां पर पहुंचे तो जवान घबरा गए और माफी मांगते हुए भविष्य में सतर्कता से ड्यूटी करने का आश्वासन दिया।
गश्ती दलों को किसी ने ब्रीफ ही नहीं किया था
औचक निरीक्षण में पता चला कि गश्त पर निकलने वाले जवानों को किसी भी अफसर ने ब्रीफ नहीं किया था और ना ही कोई निर्देश दिए थे। इसका पता चलते ही रक्षित निरीक्षक ने चेकिंग कर शहर की सडक़ों पर संदिग्ध दिखने वाले वाहन चालकों और पैदल घूम रहे लोगों से पूछताछ के निर्देश दिए।
रात 1 से 4 बजे तक निरीक्षण हुआ
रात एक बजे से तडक़े चार बजे तक रक्षित निरीक्षक ने फूलबाग चौराहे, स्टेशन बजरिया, सिटी सेंटर, चेतकपुरी, नाका चंद्रबदनी, मांढरे की माता मंदिर चौराहा, कंपू, महाराज बाड़ा, नई सडक़, नदी गेट चौराहा, हजीरा और गोला का मंदिर इलाके में गश्त चेक की।
एसपी की क्राइम मीटिंग पर सवाल
इन हालातों ने एसपी नवनीत भसीन की ड्यूटी पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। एसपी क्राइम कंट्रोल के लिए क्या कुछ कर रहे हैं, समीक्षा का विषय हो गया है। सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर में गश्त पर ड्यूटी क्राइम कंट्रोल के लिए नहीं लगाई जाती बल्कि बतौर सजा लगाई जाती है। पुलिस कर्मचारी भी सजा काटने के नजरिए से गश्त करते हैं।