इंदौर। रीगल टॉकीज का भवन फिलहाल नहीं तोड़ा जा सकेगा। रीगल टॉकीज से संबंधित मामले में मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार एडवोकेट विभोर खंडेलवाल की ओर से जस्टिस एससी शर्मा की बेंच में लंबित टॉकीज प्रबंधन की अपील के संबंध में एक आवेदन दाखिल किया गया था।
आवेदन में कहा गया था कि चूंकि मामले में अभी अपील पेंडिंग है और जब तक इसका निराकरण नही हो जाता, तब तक टाॅकीज की बिल्डिंग को नही तोड़ा जाए। एडवोकेट खंडेलवाल के अनुसार आवेदन पर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। मामलले में अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी। उल्लेखनीय हैं कि 17 सितंबर को इंदौर नगर निगम ने रीगल टॉकीज की 23 हजार 947 वर्गफीट जमीन पर कब्जा ले लिया था। इसके बाद टाकीज बिल्डिंग को तोड़ने की तैयारी की जा रही थी।
टॉकीज प्रबंधन के अनुसार 1930 में यह जमीन महाराजा यशवंतराव होलकर ने टॉकीज के मालिक दीपक ठाकुरिया के दादा को दी थी। उन्होंने चार साल में शहर के पहले पक्के टॉकिज का निर्माण किया। शुरुआती दौर में लीज 250 रु. सालाना थी। इसके बाद 20-20 साल के लिए लीज रिन्यू होती रही। 1998 में 30 हजार रु. सालाना लीज पर निगम ने एग्रीमेंट रिन्यू किया था। पहले 2008 में टॉकिज सील किया, फिर 2018 के बाद इसकी लीज निरस्त कर दी। तब से मामला कोर्ट में चल रहा था।