इंदौर। चुनाव के दौरान भाजपा भाजपा के स्टार प्रचारक जो बयान और भाषण देते हैं उनका कोई अर्थ नहीं होता, एक बार फिर यह साबित हुआ और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के खुद इसे स्पष्ट किया। झाबुआ में उन्होंने कहा था कि दीपावली के बाद शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। कुछ ही घंटों बाद इंदौर में उन्होंने कहा कि वह तो चुनावी भाषण था उसका कोई अर्थ नहीं है। सवाल यह है कि चुनाव में दिए जाने वाले भाषणों का क्या वाकई कोई अर्थ नहीं होता। बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी यही कहा था कि चुनाव के दौरान हमने मनमाने वादी कि उनका कोई आधार नहीं था। हर भारतीय के खाते में 1500000 वाले बयान पर तो कई बार कहा गया कि वह केवल एक चुनावी जुमला था।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव इंदौर में पत्रकारों से बात कर रहे थे। बयान के आधार पर कांग्रेस द्वारा विधायकों को प्रलोभन देने और सरकार गिराने के लिए 'हार्स ट्रेडिंग' जैसे आरोप लगाने के सवाल पर भार्गव ने कहा कि ऐसी कोई मंशा नहीं है। न ही ऐसा कोई अर्थ निकाला जाना चाहिए, क्योंकि अभी विधायकों की ऐसी संख्या नहीं है, जिसके आधार पर यह सब हो सकता है। वैसे भी हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व इन सब बातों को तय करता है। मैं इस बात को कहने का अधिकारी नहीं हूं।
विजयवर्गीय ने भी दिया था बयान
मंगलवार दोपहर झाबुआ में चुनाव प्रचार के दौरान भार्गव ने बयान दिया था कि दीपावली के बाद शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे। गत दिवस भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसी तरह का बयान दिया था। बयानों के बाद कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा पर सरकार गिराने संबधी आरोप लगाए थे।
मैं राजनीति में नहीं रहा तो हो सकता है बेटे को चुनाव मैदान में उतरना पड़े
उपचुनाव के तहत झाबुआ में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा-कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर बयानों के रोज तीर छोड़ रहे हैं। मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सोमवार को मीडिया से चर्चा में कहा था कि भाजपा में ज्यादा परिवारवाद है और ऐसा नहीं है तो भाजपा नेता मना कर दें कि राजनीति में जो सक्रिय है, वो उनके बेटे नहीं है। मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव झाबुआ में भाजपा चुनाव कार्यालयों पर पत्रकारों से मुखातिब हुए और जब उनसे मंत्री पटेल के सवाल पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे बेटे हैं। मेरा बेटे ने कौन-सा चुनाव लड़ा है। पार्षद, सरपंच, विधानसभा, लोकसभा का बता दो। व्यापारी का लड़का व्यापार करता है। अधिकारी का लड़का नौकरी करता है। कि सान का लड़का कि सानी करता है।
भार्गव के अनुसार परिवार का कोई आदमी यदि वह राजनीति में है और अपने परिवार की मदद कर रहा है तो वह बिना चुनाव लड़े मदद कर सकता है। मेरा बेटा बगैर कि सी पद के मदद कर रहा है। मेरी अनुपस्थिति में वह लोगों की सहायता करता है तो मैं यह मानता हूं कि वह राजनीतिक लाभ और चुनाव लड़ने के लिए नहीं कर रहा है। इस बीच भविष्य में बेटे के चुनाव लड़ने की संभावना पर जब उनसे सवाल कि या गया तो उन्होंने कहा कि यदि मैं राजनीति में नहीं रहा तोच फिर हो सकता है।
कमलेश्वर पटेल के पिता भी मंत्री थे। भाजपा परिवारवाद की पार्टी नहीं है। भार्गव ने बिजली कटौती पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि बिजली हमारे समय में एक मिनट के लिए भी बंद नहीं होती थी। अब लगातार बिजली की कटौती हो रही है। सरकार चुपके -चुपके बिजली बेचने का काम कर रही है।