जबलपुर। गन कैरिज फैक्टरी में रात करीब दस बजे एडमिन ब्लॉक में स्थित ओडीसी सेक्शन में अचानक आग भड़क उठी। आग इतनी भयंकर थी कि सीओडी, ओएफके, आर्मी बेस वर्कशॉप, व्हीएफजे एवं नगर निगम से आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड वाहन बुलाए गए। करीब एक घंटा आग पर काबू पाने में लगा। इस दौरान अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया।
आग लगने की वजह शॉर्ट-सर्किट होना बताया जा रहा है। इस आग में महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर राख होने की बात कही जा रही है। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों का कहना था कि कितने दस्तावेज जले हैं, उसका पता सवेरे जाँच के बाद ही चलेगा। इस संबंध में जानकारी मिली है कि ओडीसी सेक्शन, जो कि एडमिन ब्लॉक में जीएम ऑफिस के पास ही है, उसमें धुआँ उठता देखा गया। उसके बाद ही फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। जीसीएफ गेट से लगातार जीएम व अन्य अधिकारियों को जानकारी देने के बाद सीओडी, ओएफके, आर्मी बेस वर्कशॉप, व्हीकल के अलावा नगर निगम की फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई, तो 8 से 15 मिनट के अंतराल के बीच करीब एक दर्जन फायर ब्रिगेड पहुँच गईं। इनके अलावा जीसीएफ की खुद की फायर ब्रिगेड एवं पानी के टैंकर भी वहाँ पहुँच गए।
ऊपरी मंजिल पर ज्वॉइंट जीएम राजीव कुमार के ओडीसी ऑफिस में आग लगी होने के कारण बुझाने में भी दिक्कत हुई, तो पीछे की तरफ से भी आग बुझाने की कोशिश की गई। आयुध निर्माणियों की फायर ब्रिगेड ने लगातार पानी की बौछार की, तब कहीं जाकर आग की तीव्रता को कम किया जा सका। इस दौरान एडमिन ब्लॉक की बिजली बंद कर दी गई। आग को पहले आगे बढऩे से रोका गया, फिर उस पर काबू पाने की कोशिश की गई।
साजिश की शंका
इधर कर्मचारियों में यह भी चर्चा रही कि आग की इस घटना में साजिश भी हो सकती है। धनुष तोप के चीनी बेयरिंग मामले में सीबीआई की जाँच पहले से चल रही है। इसी बीच एक अधिकारी एस खटुआ की संदिग्ध मौत के बाद जरूरी कागजातों में आग लगने की इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ व्याप्त हो गई हैं।
इधर नगर निगम की तीन गाडिय़ाँ पहुँची थीं, लेकिन एक ही गाड़ी को आग बुझाने का मौका मिला। आग की लपटें देखकर आसपास के आवासों में रहने वाले लोग भी आग की स्थिति देखने पहुँच गए। अनेक कर्मचारी, जो कि नाइट ड्यूटी पर थे, वे भी आग बुझाने में मदद करने पहुँच गए। आग पर करीब 11 बजे काबू पा लिया गया था, उसके बाद भी फायर बिग्रेड वाहनों को निर्माणी के अंदर ही रोककर रखा गया। रात 11.30 बजे आग बुझाने वाली चार गाडिय़ों को निर्माणी गेट से बाहर किया गया फिर बाद में बाकी की फायर ब्रिगेड को रवाना किया गया ।
प्रारंभिक तौर पर आग से नुकसान की जानकारी अभी नहीं लग पाई है। इस मामले की जाँच के आदेश दे दिए गए हैं। जाँच के बाद ही पता चलेगा कि कितना नुकसान हुआ है।