JABALPUR NEWS: बापू के जबलपुर प्रवास पर आधारित डाक्यूमेंट्री RELEASE

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जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर से महात्मा गांधी का गहरा नाता रहा, यह बात शहरवासी शायद नही जानते है, लेकिन जबलपुर से जुड़ी उनकी स्मृति और प्रवास की करीब आठ मिनट की शार्ट डाक्यूमेंट्री पब्लिक डोमन (Short Documentary Public Domain) में आज अपलोड की जा रही है, जिससे शहरवासियों से लेकर प्रदेश व देश में भी लोग जबलपुर में बापू की यात्रा (Bapu's journey) व स्मृतियों को देख सके.     

इस संबंध मेें डाक्टर अनुपम सिन्हा ने बताया का कहना है कि दरअसल जो लोग जबलपुर के अतीत के बारे में उत्सुक हैं वे ये महसूस करते हैं कि सोशल-मीडिया पर सिर्फ गिनी चुनी जगहों के बारे में जानकारी मिल पाती है जबकि जबलपुर की विरासत इससे कहीं ज्यादा विस्तृत और बेमिसाल है. सर्च करने पर हिट उन्ही स्थानों का मिलता हैए या यूं कहें कि देखने की सलाह बार बार मिलती है जिनके बारे में लोग वैसे ही सबकुछ जानते हैं. जबकि सच्चाई यह है इनके अलावा भी जबलपुर के आसपास बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जिनका अंतर्राष्ट्र्रीय महत्व है, फिर भी इनका कोई प्रचार-प्रसार नहीं है. 

इन स्थानों के बारे में पर्यटकों के साथ.साथ आज की युवा पीढ़ी को भी जानने, समझने और गर्व महसूस करने की ज़रूरत है. इसी पीढ़ी के एक ऊर्जावान युवा हैं इंजीनियर सफल उपाध्याय जो जबलपुर की गौरवशाली विरासत पर व्यौहार डॉ अनुपम सिंहा के लेख हिंदी और इंग्लिश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में पढ़कर प्रोत्साहित होते रहे हैं. हालांकि डॉ सिंहा देश-विदेश में काफी ट्रैवल करते हैं पर सौभाग्य से इंजीनियर सफल की उनसे हाल ही में जबलपुर में ही मुलाकात हो गई.

व्यौहार डॉ अनुपम सिंहा का संकल्प है जबलपुर को इंटरनेशनल हैरिटेज-टूरिज्म अर्थात वैश्विक विरासत-पर्यटन एक मेजर डेस्टिनेशन गंतव्य के रूप में स्थापित करना. उनका मानना है कि जबलपुर की विरासत को न तो ठीक से खोजा गया है और न ही प्रचार.प्रसार किया गया हैए मार्केटिंग तो बहुत दूर की बात है. जबलपुर की विरासत अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है इसलिए देशी ही नहीं विदेशी पर्यटकों को भी न केवल आकर्षित करेगी बल्कि बहुत पसंद आएगी. इस तरह से इस डाक्यूमेंट्री का एक उद्देश्य वैश्विक विरासत.पर्यटन को बढ़ावा देना भी है.

यह डॉक्यूमेंट्री इस बात को पहचानने और समझने में सहायक होगी कि जबलपुर में अंतर्राष्ट्रीय.पर्यटन का आधार याने यहाँ की विरासत कितनी मजबूत है और कितनी बड़ी.बड़ी हस्तियों का संबंध रहा है जबलपुर से. खास तौर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जबलपुर से कितना गहरा लगाव रहा है इसका एक अनछुआ पक्ष सामने आएगा. डॉक्यूमेंट्री का अभिकल्पन व निर्देशन इंजीण् सफल उपाध्याय ने किया है जो कि जबलपुर मूल के हैं. उनके सहयोगी हैं जबलपुर के ही शिवम मेहर ने जो कि पेशे से तो इंजीनियर हैं लेकिन वीडियोग्राफी का शौक रखते हैं. उन्होंने इस डॉक्यूमेंट्री में वीडियोग्राफर की भूमिका निभाई है.
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