जबलपुर। मुख्य रेलवे स्टेशन की यार्ड रिमॉडलिंग के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। ट्रेनों को अभी भी आउटर पर ही खड़ा किया जा रहा है। वजह स्टेशन में ट्रेनों का बढ़ता दबाव है। अब इसके लिए रेलवे मुख्य स्टेशन से रवाना होने वाली ट्रेनों की संख्या में कमी करने की तैयारी में है। शुरूआत जबलपुर से रवाना होने वाली हबीबगंज इंटरसिटी से की जा सकती है। इसे जबलपुर की बजाय अधारताल स्टेशन से रवाना किया जाएगा।
पश्चिम मध्य रेलवे के ऑपरेटिंग विभाग ने इस ट्रेन का प्रारंभिक स्टेशन जबलपुर की बजाय अधारताल करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है, पर ट्रेन के रूट और समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अधारताल से ट्रेन को रवाना करने के दौरान इसे निर्धारित समय से 15 से 20 मिनट पहले रवाना किया जाएगा।
अधारताल से इसलिए रवाना होगी इंटरसिटी
जबलपुर रेलवे स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग वर्क के दौरान अधारताल से भी कई ट्रेनों को रवाना किया गया। इस दौरान पश्चिम मध्य रेलवे ने यह अध्ययन किया कि यहां से कम दूरी की ट्रेनों को रवाना करना आसान और सुविधाजनक होगा। इसमें सबसे पहले जबलपुर-हबीबगंज इंटरसिटी का नाम शामिल किया गया है।
दरअसल जबलपुर से भोपाल के बीच रोजाना 6 मुख्य ट्रेनें चलती हैं, जिससे इस रूट पर यात्रियों को ज्यादा परेशानी नहीं होती। हबीबगंज इंटरसिटी में सफर करने वाले यात्रियों के पास लगेज भी कम होता है और ज्यादातर डेली आने-जाने वाले लोग ही इसमें सफर करते हैं।
जबलपुर से भोपाल के बीच ट्रेनें
- ओवरनाइट एक्सप्रेस
- हबीबगंज जनशताब्दी
- अमरकंटक एक्सप्रेस
- नर्मदा एक्सप्रेस
- श्रीधाम एक्सप्रेस
- सोमनाथ एक्सप्रेस
- हबीबगंज इंटरसिटी
अधारताल से नियमित ट्रेन चलाने की है तैयारी
अधारताल स्टेशन को विकसित करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे ने काम शुरू कर दिया है। अभी यहां से एक भी ट्रेन शुरू नहीं होती, लेकिन यहां से नियमित ट्रेन रवाना करने की तैयारी की जा रही है। यदि हबीबगंज इंटरसिटी को स्वीकृति मिली तो वह अधारताल स्टेशन से रवाना होने वाली पहली नियमित ट्रेन होगी। स्टेशन तक पहुंच मार्ग के लिए फ्लाईओवर बन रहा है वहीं रेल अंडर ब्रिज भी लगभग बनकर तैयार है। अधारताल स्टेशन से हबीबगंज को रवाना करने के दौरान इसे जबलपुर स्टेशन पर सिर्फ 10 मिनट का ही स्टॉप दिया जाएगा।
मनोज सेठ, सीओएम, पमरे ने कहा कि जबलपुर से हबीबगंज के बीच चलने वाली इंटरसिटी को अधारताल से चलाने की योजना है। इसके लिए रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मांगी गई है। इससे मुख्य रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव कम होगा।