जबलपुर। सिहोरा तहसील स्थित औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ ((Industrial Area Hargarh) में एक फैक्टरी में काम के दौरान क्रेसर में फंसने के कारण श्रमिक का शरीर के चीथड़े उड़ गए, श्रमिक को क्रेसर में फंसते देख साथी श्रमिकों में चीख पुकार व अफरातफरी मच गई, घटना की खबर मिलते ही परिजन सहित गांव के कई लोग पहुंच गए, जिन्होने घटना पर आक्रोश जताते हुए मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर प्रदर्शन किया।
इस दौरान सैकड़ों लोग प्लांट के सामने ही बैठे रहे। सूत्रों की माने तो सिहोरा के औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ में स्थित ब्रोकिन हिल प्लांट में देर रात दो बजे के लगभग श्रमिक रामनाथ पिता प्रजापति पटैल (Ramnath's father Prajapati Patail) उम्र 24 वर्ष क्रेसर में काम कर रहा था, काम करते वक्त रामनाथ का हाथ क्रेसर की पुल्ली में फंस गया, जिससे वह क्रेसर में खिंचता चला गया, जिससे शरीर पर गंभीर चोटें आने के कारण मौके पर ही मौत हो गई. रामनाथ की चीख सुनकर अन्य श्रमिक दौड़कर पहुंच गए, जिन्होने पुलिस को निकालकर, इसके बाद रामनाथ को बाहर निकाला जा सका। हादसे के बाद चारों ओर खून व मांस के टुकड़े नजर आ रहे थे।
घटना की सूचना मिलते ही डायल 100 वाहन तत्काल मौके पर पहुंच गया, लेकिन खितौला थाना की पुलिस नहीं पहुंची। जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त रहा। इस दौरान मृतक के परिजनों सहित गांव के अन्य लोग भी आ गए थे, जिन्होने रामनाथ को इस हालत में देखा तो स्तब्ध रह गए। जिन्होने हंगामा करते हुए प्रदर्शन मुआवजा की मांग की, परिजनों सहित श्रमिकों का आरोप था कि बिना सुरक्षा के इंतजाम के काम कराने के कारण यह हादसा हुआ है, जहां पर चार मजदूरों की जरुरत रही, वहां पर एक से काम कराया जा रहा था, जिससे यह हादसा हुआ है।
परिजनों की माने तो मृतक रामनाथ पटेल उम्र 24 वर्ष निवासी अमगवाँ अपने माता पिता की इकलौती संतान है पिता लकवा ग्रस्त है कंपनी की लापरवाही से मजदूर की मौत हुई इसको उचित मुआवजा मिलना चाहिए वहीं जब इस मामले में कंपनी के मालिक जगदीश सिंह वालिया से फोन पर बात की गई तो उन्होंने तत्काल 20 हजार देने को कहा लेकिन परिजनों ने तत्काल एक लाख की आर्थिक सहायता की मांग की। वहीं मौके पर खितौला टी आई गोपाल सिंह जगेत एस आई जे पी द्विवेदी एएसडीओपी भावना मरावी सहित खितौला एसिहोरा थाना से एस आई महेंद्र जाटव व पुलिस बल मौजूद है। घटना को लेकर आज दिनभर औद्योगिक क्षेत्र में तनाव का माहौल रहा, ब्रोकिन हिल प्लांट में भी श्रमिक काम पर नही पहुंचे।