जबलपुर। लोग पक्षियों से प्रेम करते हैं। सुबह शाम उनकी कलरव से निकलने वाला संगीत सुनने के लिए लोग जंगल जाते हैं परंतु यहां भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के अफसरों ने एक पेड़ सिर्फ इसलिए काट दिया क्योंकि उस पर पक्षियों ने अपना बसेरा बना लिया था और सुबह-शाम वो कलरव करते थे। बता दें कि कलरव एक संस्कृत शब्द है, इसका अर्थ होता है 'मधुर और मंद ध्वनि।' आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं, पक्षियों की इस आवाज को TWEET कहते हैं, जिससे प्रेरित होकर दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफार्म TWITTER संचालित किया जा रहा है।
बीएसएनएल के कार्यालय में हजारों पक्षी पेड़ कटने की वजह से मर गए। भारत संचार निगम के अधिकारियों की पूरी करतूत को वन विभाग भी गलत मान रहा है। फिलहाल वन विभाग अब बीएसएनएल को नोटिस देने के साथ उच्च स्तरीय जांच करवाने की तैयारी भी कर रहा है।
जिस समय पेड़ काटा, पक्षियों के घोसलों में अंडे थे
भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) कार्यालय परिसर में लगे कई पेड़ कटवा दिए गए। इस पेड़ में हजारों पक्षियों का बसेरा था, कई पक्षियों ने अंडे दिया थे तो कई पक्षियों के बच्चे छोटे थे, इनमें से काफी की मौत हो गई। अधिकारियों की दलील है कि पेड़ इसलिए काट दिए क्योंकि इस पर रहने वाले पक्षी शोरगुल करते थे और गंदगी फैलाते थे जिससे दुर्गंध होती थी।BSNL ने नगर निगम को सूचना दी और पेड़ कटवा दिए
भारत संचार निगम लिमिटेड के कैंपस में लगे दर्जनों पेड़ों को कटवाने के लिए दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने पहले पत्र लिखकर नगर निगम को सूचना दी और उसके बाद निजी ठेकेदारों से दर्जनों पेड़ कटवा दिए। निगम के अधिकारियों ने यह देखने तक की जहमत नहीं उठाई कि कहीं उसमें पक्षियों और उनके बच्चों का आशियाना है। पेड़ों के कटने के बाद जो नजारा देखने को मिला, वह बेरहमी की हदों को पार करने वाला था। पेड़ कटते गए और उनमें रहने वाले पक्षी मरते गए।बीएसएनएल के कार्यालय में हजारों पक्षी पेड़ कटने की वजह से मर गए। भारत संचार निगम के अधिकारियों की पूरी करतूत को वन विभाग भी गलत मान रहा है। फिलहाल वन विभाग अब बीएसएनएल को नोटिस देने के साथ उच्च स्तरीय जांच करवाने की तैयारी भी कर रहा है।