मुंबई। रिलायंस जियो के ग्राहकों को दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने पर अब 6 पैसे प्रति मिनट चुकाने पड़ेंगे। इसके लिए उन्हें इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज (आईयूसी) टॉप-अप करवाना होगा। कंपनी ने ग्राहकों की संभावित नाराजगी को दूर करने की कोशिश भी की है। कहा है कि जितने का टॉप करवाएंगे उतनी वैल्यू का फ्री डेटा देकर कंपेनसेट कर दिया जाएगा। यह नियम 10 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ग्राहकों को इनमें से कोई टॉप-अप वाउचर लेना होगा
IUC टॉप-अप > IUC मिनट (नॉन-जियो नेटवर्क) > फ्री डेटा (जीबी)
10 रुपए > 124 > 1
20 रुपए > 249 > 2
50 रुपए > 656> 5
100रुपए > 1,362 >10
आईयूसी चार्ज क्या है?
टेलीकॉम कंपनियों को एक-दूसरे को आईयूसी चार्ज का भुगतान करना पड़ता है। यह चार्ज ग्राहकों द्वारा एक-दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने की वजह से लगता है। जैसे- जियो के ग्राहक एयरटेल पर कॉल करेंगे तो जियो को एयरटेल को आईयूसी चार्ज देने होंगे। इसकी दर टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) तय करती है।
1 जनवरी 2020 से आईयूसी चार्ज खत्म करने का प्रस्ताव था
जियो ने बताया कि सभी इंटरनेट कॉल, इनकमिंग कॉल, जियो से जियो पर कॉल और लैंडलाइन पर कॉल पहले की तरह फ्री रहेंगे। ट्राई ने 1 अक्टूबर 2017 को आईयूसी चार्ज 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे किए थे। एक जनवरी 2020 से इसे पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव था, लेकिन ट्राई इस पर फिर से कंसल्टेशन पेपर ले आया। इसलिए, ये शुल्क आगे भी जारी रह सकता है।
जियो के नेटवर्क पर रोज 25-30 करोड़ मिस कॉल
जियो का कहना है कि पिछले तीन सालों में वह आईयूसी चार्ज के तौर पर 13,500 करोड़ रुपए का भुगतान दूसरे ऑपरेटरों को कर चुकी है। अब तक इसका बोझ ग्राहकों पर नहीं डाल रहे थे। लेकिन, ये शुल्क 31 दिसंबर के बाद भी जारी रहने की आशंका को देखते हुए मजबूरन फैसला लेना पड़ा। जियो के नेटवर्क पर रोज 25-30 करोड़ मिस कॉल आते हैं। यानी हम अपने ग्राहकों के साथ ही दूसरे ऑपरेटरों के ग्राहकों को भी सुविधा दे रहे थे।