ग्वालियर। करवाचौथ (Karvachauth) का पर्व पति व पत्नि के रिश्ते की पवित्रता और प्रेम का पर्व है। चंद्रमा को आयु और सुख शांति का कारक माना जाता है। इसकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। 17 अक्टूबर को करवाचौथ का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
करवाचौथ की तैयारियां महिलाओं ने अभी से ही प्रारंभ कर दी हैं। इस बार करवाचौथ के पूजन के लिए शुभ समय (Auspicious time for worship) शाम को 5 बजकर 56 मिनट से प्रांरभ होकर 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। ग्वालियर में इस बार चंद्रमा रात्रि 8 बजकर 26 मिनट पर निकलेगा। इस बार सुहागिन महिलाएं उच्च के चंद्रमा में चंद्र की पूजाकर व्रत खोलेंगी। मैदानी इलाकों में चंद्रमा के दर्शन (Moon sighting time) रात 8 बजकर 15 मिनट पर होंगे। लेकिन ग्वालियर में चंद्रमा के दर्शन (Moonrise time) 8 बजकर 26 मिनट पर होंगे। इस बार चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 17 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 48 मिनट से होगा जो कि 18 अक्टूबर सुबह 7 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
करवाचौथ पर इस बार चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। साथ ही रोहिणी योग होने के कारण इस बार सत्यभामा योग भी बन रहा है, जो कि करवाचौथ के दिन व्रत रखने वालों को विशेष फलदायक है।
करवाचौथ की तैयारियां महिलाओं ने अभी से ही प्रारंभ कर दी हैं। इस बार करवाचौथ के पूजन के लिए शुभ समय (Auspicious time for worship) शाम को 5 बजकर 56 मिनट से प्रांरभ होकर 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। ग्वालियर में इस बार चंद्रमा रात्रि 8 बजकर 26 मिनट पर निकलेगा। इस बार सुहागिन महिलाएं उच्च के चंद्रमा में चंद्र की पूजाकर व्रत खोलेंगी। मैदानी इलाकों में चंद्रमा के दर्शन (Moon sighting time) रात 8 बजकर 15 मिनट पर होंगे। लेकिन ग्वालियर में चंद्रमा के दर्शन (Moonrise time) 8 बजकर 26 मिनट पर होंगे। इस बार चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 17 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 48 मिनट से होगा जो कि 18 अक्टूबर सुबह 7 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
करवाचौथ पर इस बार चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। साथ ही रोहिणी योग होने के कारण इस बार सत्यभामा योग भी बन रहा है, जो कि करवाचौथ के दिन व्रत रखने वालों को विशेष फलदायक है।