भोपाल। मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर सिद्धार्थ रोकड़े पर छात्रों ने थप्पड़ मारने का आरोप लगाते हुए रविवार देर रात बवाल कर दिया। इसके बाद फर्स्ट इयर के छात्रों ने सोमवार को कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया और दिनभर हंगामा करते रहे। वहीं, इस बीच डायरेक्टर एनएस रघुवंशी ने सभी वार्डन के साथ बैठक की और छात्रों को उनकी जवाबदारी पर बाहर जाने की अनुमति देने के निर्देश दिए।
हॉस्टल से बिना परमिशन भागे थे छात्र
दरअसल, मैनिट के हॉस्टल नंबर-10 में रहने वाले फर्स्ट इयर के छात्र रविवार को प्रबंधन को बिना बताए हॉस्टल के पीछे की दीवार फांदकर परिसर के बाहर गए थे। रात में जब वे लौटे तो घटना की सूचना हॉस्टल के वार्डन और प्रोफेसर रोकड़े को लगी तो उन्होंने हॉस्टल में जाकर छात्रों को डांट लगाई। इस पर छात्र उनसे विवाद करने लगे। छात्रों का आरोप है कि प्रोफेसर रोकड़े ने उनसे न सिर्फ अभद्र व्यवहार किया, बल्कि मारपीट भी की।
रात में ही प्रदर्शन शुरू हो गया था
घटना के तुरंत बाद रात में ही हॉस्टल नंबर-10 के सभी छात्र प्रशासनिक भवन के बाहर एकत्रित हो गए और हंगामा करने लगे। काफी देर हंगामा करने के बाद जब उनसे कोई मिलने नहीं आया तो वे वापस हॉस्टल चले गए। सोमवार सुबह सभी छात्रों ने तय कर लिया कि वे कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। इसके बाद कोई भी छात्र कक्षा में नहीं गया।
प्रो. रोकड़े बात करने से इंकार किया
मामला बिगड़ता देख डायरेक्टर एनएस रघुवंशी ने वार्डन के साथ छात्रों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक की। बैठक में छात्रों ने बताया कि उनके साथ हॉस्टल में कैदियों जैसा व्यवहार किया जाता है। उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जाता। प्रो. रोकड़े ने उनके साथ बिना वजह मारपीट की है। इस पर डायरेक्टर ने सभी वार्डन को हॉस्टल में जाकर छात्रों से मुलाकात करने के निर्देश दिए। इस मामले में प्रो. रोकड़े ने कोई भी बात करने से इनकार कर दिया।
खुद की जवाबदारी पर दें बाहर जाने की अनुमति
डायरेक्टर ने सभी वार्डन को निर्देश दिए कि छात्रों की सभी मांगें मान ली जाएं। यदि कोई छात्र बाहर जाना चाहता है तो उससे तय फॉर्मेट में लिखवा लें कि वो खुद की मर्जी से बाहर जा रहा है। यदि उसे कुछ होता है तो इसके लिए वो स्वयं जवाबदार होगा। इसके बाद वार्डन्स ने मुलाकात कर छात्रों को परिसर में सायकल से घूमने की अनुमति दे दी। साथ ही रात आठ बजे तक परिसर में दाखिल होने की अनुमति भी दे दी।