भोपाल। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश भू-संपदा नीति 2019 और मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2019 को अनुमोदन प्रदान किया गया। इससे प्रदेश में नवीन निवेश आकर्षित किए जा सकेंगे। डिजिटल तकनीक के माध्यम से हितग्राहियों के कार्यो में बेहतर समन्वय तथा आवेदक मित्र व्यवस्था लागू करने का प्रयास किया गया है। इससे कार्य में स्पष्टता, पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित हो सकेगी।
अब 27 के स्थान पर 5 दस्तावेज होंगे मान्य
मध्यप्रदेश भू-संपदा नीति 2019 में नागरिकों, कॉलोनाईजर और निवेशक सभी के लिए प्रावधान किये गये हैं। नागरिकों को छोटे आवासों की तत्काल अनुमति, नुजूल एन.ओ.सी. के प्रावधानों को कम करने, राजस्व, टाउन एंड कट्री प्लानिंग और नगरीय निकायों के दस्तावेजों में सामन्जस्य, लैंड पुलिंग के माध्यम से अधिक भूमि की वापसी, पुरानी स्कीम के लिए पारदर्शी निर्णय की प्रक्रिया, बंधक संपत्ति को चरणों में रिलीज करने की व्यवस्था, 27 प्रकार के दस्तावेज कम कर 5 दस्तावेज आवश्यक करने संबंधी व्यवस्था की गई है। कॉलोनाईजर के लिए एक राज्य एक पंजीकरण, अवैध कॉलोनाईजेशन रोकने के लिए 2 हेक्टेयर की सीमा समाप्त करने, कॉलोनी के विकास और पूर्णता की तीन चरणों में अनुमति, ईडब्ल्यूएस निर्माण की अनिर्वायता से छूट जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसी प्रकार निवेशकों के लिए राजस्व, प्लानिंग एरिया की सीमा पर फ्री एफ.ए.आर., ईडब्ल्यूएस/एलआईजी बनाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहन जैसे कई प्रावधान भू-संपदा नीति में किए गए हैं।
मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 को अनुमोदन
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 को अनुमोदन प्रदान किया। शहरी सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ बनाने और शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने तथा गैर पेट्रोलियम वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस नीति में चार्जिंग, अधोसंरचना विकास और इलेक्ट्रिक वाहन और उसके घटकों के निर्माण पर छूट का प्रावधान है। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर मोटर व्हीकल टैक्स एवं रजिस्ट्रेशन टैक्स में शत-प्रतिशत रियायत प्रदान की जाएगी। प्रथम पाँच वर्षो में नगरीय निकायों के अधीनस्थ संचालित पार्किंग में शत-प्रतिशत रियायत का प्रावधान भी है। इसके साथ ही इंजीनियरों और टेक्नीशियनों को प्रशिक्षित कर नये रोजगार सृजित किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में संशोधन
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में संशोधन को अनुमोदन प्रदान किया। गौण खनिज आधारित न्यूनतम 25 करोड़ रूपये निवेश से नवीन उद्योग/विस्तार के प्रस्तावों पर दो करोड़ रूपए की बैंक गारंटी लेने पर सीधे उत्खननपट्टा आवंटन किया जाएगा। अनुसूची-एक में मेन्युफेक्चर्ड सेंड (एम-सैंड) के नाम से एक नये गौण खनिज को जोड़ा जा रहा है, जिसकी रायल्टी 50 रूपये प्रति घनमीटर प्रस्तावित की गई है। इस प्रावधान से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर के साथ अतिरिक्त खनिज राजस्व भी प्राप्त होगा। ग्रेनाईट एवं अन्य आकारीय पत्थर की खदानों में अतिरिक्त मात्रा में निकलने वाले अनुपयोगी पत्थर (वेस्ट) के विक्रय की व्यवस्था नहीं है। इस पत्थर की माँग निर्माण सामग्री के लिए काफी है। अत: ऐसे अनुपयोगी पत्थर को गिट्टी/बोल्डर निर्माण के लिए अनुसूची-एक में अनुक्रमांक 9 पर जोड़ा जा रहा है, जिसकी रायल्टी 120 रूपये प्रति घनमीटर प्रस्तावित की गई है। इस प्रावधान से स्थानीय स्तर पर विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए गौण खनिज सुगमता से उपलब्ध हो सकेगा।
अनुसूची-एक और दो के चार हेक्टेयर तक के क्षेत्र जिले के कलेक्टर/अपर कलेक्टर स्वीकृत कर सकेंगे। चार हेक्टेयर से अधिक पर 10 हेक्टेयर तक के क्षेत्र, संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म स्वीकृत कर सकेंगे तथा राज्य शासन की पूर्व अनुमति से इन खनिजों के 250 हेक्टेयर तक के क्षेत्र संचालक स्वीकृत कर सकेंगे।
उद्यमियों और स्टार्टअप को प्रोत्साहन
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2019 को अनुमोदन प्रदान किया। इसके अन्तर्गत फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाईल्स और पॉवरलूम जैसे चयनित सेक्टर्स के लिए रियायतों के विशेष पैकेज, यंत्र-संयत्र के साथ-साथ भवन पर भी अनुदान तथा महिला/अजा/अजजा उद्यमियों द्वारा संचालित ईकाइयों को अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया गया है।
मंत्रि-परिषद ने 'मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति 2019' को अनुमोदन प्रदान किया। यह नीति एक अप्रेल 2020 से लागू की जाएगी। इससे इन्क्यूबेटर्स एवं स्टार्टअप को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं में वृद्धि होगी। इससे नवाचार युक्त एवं नवीन प्रोडक्ट्स के साथ अपना स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक प्रदेश के नव उद्यमी लाभान्वित होंगे।
बेड एन्ड ब्रेकफास्ट योजना अनुमोदित
मंत्रि-परिषद ने पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर निर्मित करने और पर्यटकों को आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नवीन योजनाओं के प्रर्वतन के क्रम में मध्यप्रदेश बेड एण्ड ब्रेकफास्ट स्थापना योजना 2019 को अनुमोदन प्रदान किया। योजना का उद्देश्य देशी-विदेशी पर्यटकों को किफायती दरों पर आवास और नाश्ता/भोजन सुविधा प्रदाय करना, देशी-विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति तथा आतिथ्य से परिचित कराना, नागरिकों को अपने आवास में उपलब्ध अतिरिक्त क्षमता से आय अर्जन और रोजगार सृजन के अवसर प्रदान करना, स्थानीय स्तर पर पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधाओं का विकास एवं अभिवृद्धि तथा प्रदेश में निजी क्षेत्र के माध्यम से पर्यटक आवासीय सुविधाओं का विस्तार करना है।
मंत्रि-परिषद के अन्यनिर्णय
मंत्रि-परिषद ने स्मार्ट इण्डस्ट्रीयल पार्क पीथमपुर की जापानीज तथा सुदूर पूर्व एवं दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के निवेशकों के लिए आरक्षित कुल भूमि में से 72.77 हेक्टेयर भूमि को प्रदेश/देश के निवेशकों के लिए मल्टी प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अनारक्षित करने को अनुसमर्थन प्रदान किया।