ग्वालियर। शिवराज सिंह सरकार के समय व्यापमं घोटाले के खुलासे के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ती रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अब भी व्यापमं घोटाले के दाम की मोमबत्ती लिए नजर आते हैं परंतु कमलनाथ सरकार इस मामले में एक सूत भी आगे नहीं बढ़ती। जैसे मैच फिक्स है, मैं बयान देता रहूंगा, आप ध्यान मत देना। दिग्विजय सिहं ने एक बार फिर बयान दिया है कि व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने जिन लोगों को क्लीन चिट दी है, उन पर लगे आरोपों की जांच नए सिरे से होनी चाहिए। इसके लिए वह पहले राज्य सरकार से अनुरोध करेंगे कि वह कोर्ट जाए। अगर सरकार कोर्ट नहीं जाती है तो वह खुद व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में इसकी लड़ाई लड़ेंगे।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को व्यापमं घोटाले में जेल जाना पड़ा था। व्यापामं घोटाले के मुख्य सूत्रधार नितिन महेंद्र को सीबीआई ने जांच में क्लीन चिट दे दी। इसलिए सीबीआई जांच पर शुरू से सवाल उठ रहे हैं। एक दिन के प्रवास पर ग्वालियर आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सिटी सेंटर स्थित होटल में शनिवार की शाम पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
6 महीने से सिर्फ बयान दिए जा रहे हैं दिग्विजय सिंह
व्यापमं घोटाला की लड़ाई लड़ने वाले तमाम लोग स्वभाविक रूप से कांग्रेस का समर्थन कर रहे थे। बताने की जरूरत नहीं कि व्यापमं घोटाले की लड़ाई नेताओं से ज्यादा गैर राजनैतिक लोगों ने लड़ी है। उम्मीद थी कि सरकार बनते ही सबसे पहले व्यापमं घोटाले को लेकर कुछ धमाकेदार कार्रवाईयां शुरू होंगी और इसकी सारी परतें खुल जाएंगी परंतु ऐसा कुछ हुआ नहीं। दिग्विजय सिंह खुद शिवराज सरकार के समय व्यापमं घोटाले को सबसे बड़ा मुद्दा बनाए रखने थे, परंतु पिछले 6 माह में वो सिर्फ बयान दिए जा रहे हैं।