सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट कंपनी में क्लर्क और कामगारों का वेतन न्यूनतम निर्धारित किया | MP NEWS

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट कंपनियों, कारखानों एवं उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों का न्यूनतम  वेतन निर्धारित कर दिया है। यह निर्धारण 2 श्रेणियों में किया गया है। पहला श्रमिक या कामगार स्तर पर जिसमें शिक्षा नहीं बल्कि, कार्य की कुशलता वेतन का पैमाना होता है और दूसरा बैक ऑफिस के कर्मचारी जिन्हे क्लर्क स्टाफ भी कहते हैं। 

कर्मचारियों को एरियर नहीं दिया जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने न्यूनतम वेतन के लिए आदेशित किया है कि 3 मार्च 2017 की अधिसूचना को लागू करे। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में दायर की गई विभिन्न अपीलों को त्वरित सुनवाई पर लगाने का आदेश दे दिया। ये अपीलें विभिन्न नियोक्ताओं तथा फैक्टरी मालिकों ने दायर की हैं। इस अधिसूचना में अधिसूचित रोजगारों को न्यूनतम वेतन तय किया गया है। जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने यह आदेश देते हुए मामले को स्थगित कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिया था इस मामले में कर्मचरियों को कोई ऐरियर नहीं दिया जाएगा। 

कामगार/श्रमिक का वेतन

अकुशल कामगार को कम से कम 14,842 रुपये प्रतिमाह (571 रुपये रोजाना), अर्धकुशल 16341 रुपये प्रतिमाह (629 रु रोजाना), कुशल 17991 प्रतिमाह(692 रु रोजाना)

क्लर्क और सुपरवाईजर, बैक ऑफिस कर्मचारियों का वेतन

नान मैट्रिक 16341 प्रतिमाह (629 रु रोजाना), मैट्रिक लेकिन गैर ग्रेजुएट 17991 रुपये प्रतिमाह(692 रु रोजाना) और ग्रेजुएट और उससे ऊपर 19572 रुपये प्रतिमाह(753 रु रोजाना)

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