भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में गृहमंत्री बाला बच्चन का कहना है कि इस मामले में जल्दी ही कई नाम उजागर होंगे और सरकार किसी भी दोषी को बख्शेगी नहीं वो जाहें जितने रसूख वाला हो। बता दें कि हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन और परिवर्तन को लेकर सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
गौरतलब है पुलिस मुख्यालय से मंगलवार रात पुलिस अधिकारियों के थोक में तबादले कर दिए गए। इस तबादला सूची में एसआईटी चीफ को भी बदल दिया गया। इससे पहले इस एसआईटी की अध्यक्षता संजीव शमी कर रहे थे लेकिन अब उनको हटा कर इसकी जिम्मेदारी राजेंद्र कुमार को सौंपी गई है। हालांकि यह परिवर्तन महज 15 दिनों में तीसरी बार हुआ है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कैसे हनी ट्रैप मामले की जांच निष्पक्ष हो पाएगी ? बता दें कि कहा ये जा रहा है कि 1985 बैच के आईपीएस अफसर राजेंद्र कुमार को इसलिए नियुक्त किया गया क्योंकि एसआईटी चीफ संजीव शमी 1993 बैच के आईपीएस अफसर थे इसलिए उन्हें एसआईटी से हटाया गया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि सरकार और पुलिस विभाग को एसआईटी गठन के एक सप्ताह बाद यह याद आया कि जूनियर ऑफिसर की जगह सीनियर ऑफिसर को जांच की कमान सौंपनी है।
कार्रवाई में दखल दे रहे थे
हालांकि संजीव शमी को एसआईटी से हटाए जाने की वजह बिना सरकार को जानकारी दिए पुलिस की कार्रवाई में दखल देना बताया जा रहा है। शमी पुलिस के बावजूद खुद ही एसआईटी के चीफ बन गए थे। जानकारी के मुताबिक पुलिस अधिकारियों के विवाद होने पर एटीएस ने हनी ट्रैप में विदेशी महिला के शामिल होने की सीएम को गलत जानकारी दी थी। जबकि हनी ट्रैप केस में ही स्पेशल डीजी और डीजीपी विवाद में गाज स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा पर गिरी है। शर्मा को संचालक लोक अभियोजन बनाया गया है।
हालांकि इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार के गृहमंत्री बाला बच्चन का बयान बहुत कुछ इशारा कर रहा है। गृहमंत्री एक बार फिर हुई इस सर्जरी को बेहद सामान्य मान रहे हैं साथ ही उनका कहना है प्रकरण की गंभीरता देखते हुए मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी चीफ एक सीनियर ऑफिसर को बनाया गया है। पुलिस मुख्यालय द्वारा किए गए इस परिवर्तन पर गृहमंत्री बाला बच्चन ने जो बयान दिया है वह भी चौंकाने वाला है। गृहमंत्री की दलील है कि इस मामले की जांच वरिष्ठ ऑफिसर को सौंपी है तो ये सवाल उठाना लाजमी है कि जांच के करीब एक सप्ताह बाद गृहमंत्री को यह कैसे ध्यान आया कि आखिर जांच दल का अध्यक्ष किसी वरिष्ठ अफसर को बनाना है ?
सिर्फ हनी ट्रैप...
गृहमंत्री बाला बच्चन के मुताबिक मामले में जल्द खुलासा होगा, कई नाम उजागर होंगे, जल्द ही सभी के नाम भी सार्वजानिक होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की मंशा है कि यह संगठित गिरोह पूरी तरह से ध्वस्त हो जाए। उसी पर काम चल रहा है, मंगलवार को जेल जाने के दौरान आरोपियों ने पॉलिटिकल प्रेशर होने की बात कही थी। इस सवाल पर गृहमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें कोई पॉलिटिकल प्रेशर नहीं है। इसमें पॉलिटिक्स है और सिर्फ हनी ट्रैप है। उन्होंने कहा जो आरोपी होगा उस पर कार्यवाही होगी चाहे वो नेता हो, ऑफिसर हो या फिर व्यापारी कोई भी इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा।