ग्वालियर। शिवपुरी जिले के बैराढ़ थाना के प्रभारी वीपी जाट का बेटा धर्मेन्द्र जाट एक पेशेवर डकैत बन चुका है। उसने अपना पूरा गिरोह बना लिया है। लूट की वारदातें करता है और लूट की रकम से मोहना में जमीन, गोल्ड और वारदात करने के लिए वाहन खरीद लिए हैं।
धर्मेन्द्र जाट ने 6 महीने पहले हाइवे पर मोहना में 11 बीघा जमीन खरीदी है। इसके अलावा उसने कुछ सोना भी खरीदा है। इस सोने को मुथूत फाइनेंस में रखकर लोन भी ले रखा है। इसके अलावा दो सेकंड हैंड स्कॉर्पियो भी उसने गिरोह की गतिविधियों के लिए खरीदी थी। जबकि उसके साथ आकाश जाट ने डेढ़ लाख रुपए की रेसर बाइक खरीदी है। उसे बाइकिंग का शॉक है। फिलहाल सभी बदमाशों को पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस जल्द रिकवरी के लिए टीमों को रवाना कर रही है। बुधवार से टीमें रिकवरी का काम शुरू करेंगी।
एनकाउंटर में गोली मारकर पकड़े गए शार्प शूटर नवीन शर्मा के साथ पकड़े गए गिरोह के मास्टर माइंड धर्मेन्द्र जाट, नबाव गुर्जर, आकाश व तपेश कुमार गौतम को पुलिस ने रिमांड पर लिया है। जबकि राज बाल्मीकि अभी फरार है। नवीन अस्पताल में है। आकाश व तपेश विश्वविद्यालय पुलिस के पास 2 दिन की रिमांड और धर्मेन्द्र एक दिन की पुलिस रिमांड पर है। जबकि नवाब को कम्पू पुलिस ने 1 नवंबर तक की पुलिस रिमांड पर लिया है। गिरोह का मास्टर माइंड व बैराढ थाना प्रभारी वीपी जाट का बेटा धर्मेन्द्र ने अभी तक शहर में लूट की 6 वारदातें कबूल की हैं। जिनमें छटवी वारदात डीडी नगर में नगर निगम दफ्तर से कैश कलेक्शन कर लौट रहे कैशियर से 2.69 लाख की लूट है।
कहां क्या खरीदा
- 7 मई 2018 में सिटी सेंटर सिंडीकेट बैंक के बाहर टोल से कलेक्शन लेकर आई वैन में सिक्युरिटी सुपर वाइजर को गोली मारकर 24.20 लाख लूटने के बाद धर्मेन्द्र ने उस रकम से अभी 6 महीने पहले मोहना में हाइवे पर 11 बीघा जमीन खरीदी है। सोना खरीदकर लूट का पैसा इन्वेस्ट किया था। इस सोने को मुथूत फाइनेंस में गिरवी रखकर लोन भी निकाला। इसके अलावा 2 स्कॉर्पियो सेकंड हैंड खरीदी है। इन्हीं स्कॉर्पियो का इस्तेमाल वह गिरोह को बैकअप देने के लिए करता था।
- आकाश ने लूट के रुपयों से 1.5 लाख रुपए की अभी एक महीने पहले ही नई रेसर बाइक खरीदी है। उसे तेज रफ्तार वाली बाइक का बहुत शौक है।
- तपेश, नबाव, नवीन ने भी गोल्ड व गाड़ियां खरीदने में लूट की रकम को लगाया है।
बैग में 22 लाख मिले थे, 24.20 नहीं
पूछताछ में धर्मेन्द्र जाट ने यह भी बताया है कि 7 मई 2018 को टोल कर्मचारी से लूटे गए बैग में 22 लाख रुपए मिले थे। जबकि सुबह अखबारों में खबर पढ़ने को मिली कि 24.20 लाख रुपए लूटे हैं। जिसके बाद गिरोह में काफी गलत फहमी हो गई थी। अब पुलिस यह भी पता लगा रही है कि 22 लाख कैश था तो कंपनी की ओर से 24.20 लाख क्यों लिखाया। इसी तरह गैस एजेंसी के मुनीम से लूटे गए बैग में 4.40 लाख रुपए मिले थे। पुलिस ने 4.5 लाख की लूट की कायमी की है।