भोपाल। प्रदेश के किसान बदहाल हैं, लेकिन प्रदेश सरकार को कतई उनकी चिंता नहीं है। बारिश से बर्बाद हुई फसलों का तत्काल मुआवजा दिया जाना चाहिए था, नहीं मिला। बिजली का बिल आधा करने की बात कही थी, लेकिन किसानों के बिजली बिल बढ़कर आ रहे हैं। किसान कर्जमाफी के झूठे वादे का भी शिकार हुए हैं। इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने यह तय किया है कि किसानों की उपेक्षा के खिलाफ पार्टी 4 नवंबर को किसान आक्रोश आंदोलन करेगी, जिसमें प्रदेश के किसान और पार्टी कार्यकर्ता एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे तथा बिजली के बढ़े हुए बिलों की होली जलाई जायेगी। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने बुधवार को जारी एक प्रेस बयान में कही।
प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार लगातार किसानों की अनदेखी कर रही है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों से कर्जा माफ करने का वादा किया था, लेकिन कर्जमाफी नहीं हुई। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी यह स्वीकार किया है कि कर्जामाफी नहीं हुई है। भीषण बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ, लेकिन किसानों की सुध लेने के लिए मुख्यमंत्री या सरकार का कोई मंत्री उनके खेतों तक नहीं पहुंचे। ना सर्वे हुआ, न मुआवजा मिला। बिजली के बिल भी अनाप-शनाप आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की इस बदहाली और सरकारी उपेक्षा के प्रति आक्रोश व्यक्त करने के लिए 4 नवंबर को प्रदेश के प्रत्येक जिले में किसान आक्रोश आंदोलन किया जायेगा।
कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ आक्रोश, इसलिए जीतेगी भाजपा
श्री राकेशसिंह ने झाबुआ उपचुनाव के परिणामों के बारे में कहा कि झाबुआ परंपरागत रूप से कांग्रेस की सीट रही है। यहां लंबे समय तक कांग्रेस जीतती रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने यहां भाजपा को आशीर्वाद दिया था। लोकसभा में भी चुनाव परिणाम कांग्रेस के अनुकूल नहीं था। इस बार यहां की जनता में कांग्रेस प्रत्याशी के प्रति जबरदस्त आक्रोश है। उसे देखते हुए हम आश्वस्त हैं कि उपचुनाव में जीत भारतीय जनता पार्टी की ही होगी।
पद नाम बदलना सरकार की शिगूफेबाजी
श्री सिंह ने प्रदेश सरकार द्वारा कलेक्टर पद का नाम बदलने के लिए की जा रही कवायद पर कहा कि यह सब सरकार की शिगूफेबाजी है। कभी यह कलेक्टर का पदनाम बदलते हैं, कभी कलेक्टर बदलते हैं। इन्होंने जनहित की सारी योजनाएं बंद कर दी हैं। जो घोषणाएं चुनाव के पहले की थीं, उन्हें पूरा करना चाहिए। बेरोजगारों को भत्ता देना चाहिए। कर्मचारियों को केन्द्र सरकार के समान 5 प्रतिशत डीए दिया जाना चाहिए। लेकिन इस सरकार का प्रदेश के विकास से और जनता से कुछ भी लेना देना नहीं है।