भोपाल। ट्रांसपोर्ट संचालक अपनी मांगों को लेकर शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। इसे लेकर ट्रांसपोर्टरों ने शुक्रवार से ही माल बुक करना बंद कर दिया। पेट्रोल-डीजल टैंकर के संचालकों ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है। इससे तीन दिन बाद से पेट्रोल-डीजल की किल्लत भी हो सकती है। हड़ताल लंबी खिचने पर आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
प्रदेश में डीजल पर वैट बढ़ाने, पुराने वाहनों पर एकमुश्त लाइफ टाइम टैक्स और आरटीओ के टोल बैरियर पर हो रहे भ्रष्टाचार से परेशान ट्रक और ट्रांसपोर्ट संचालकों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।एसोसिएशन का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया, इसलिए वे लोग हड़ताल पर जा रहे हैं। विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक शनिवार सुबह छह बजे से ट्रकों के पहिए थम जाएंगे।
लगातार बैठक और दूसरे एसोसिएशन से मदद मांगने का दौर बीते दो दिन से चल रहा है। इसी के चलते ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस ने एक पत्र जारी कर दिया है और इस हड़ताल को समर्थन दिया है। उन्होंने एक पत्र जारी कर देश के सभी एसोसिएशन, ट्रांसपोर्टरों, टेम्पो, बस, टैक्सी और टूरिस्ट बस संचालकों से कहा है कि वे इसमें मध्यप्रदेश के ट्रक और ट्रांसपोर्टरों का साथ दें और पांच अक्टूबर से यहां अपने वाहन न भेजें।
एसोसिएशन के प्रवक्ता प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक हमें आंध्रप्रदेश सहित दक्षिण भारत के एसोसिएशन का समर्थन पत्र भी मिल गया है। वे लोग भी पांच अक्टूबर से मध्यप्रदेश की बुकिंग नहीं लेंगे और वाहन नहीं भेजेंगे। इसके अलावा बस संचालक भी हमें सैद्धांतिक समर्थन दे रहे हैं।
हालांकि वे लोग हड़ताल में शमिल नहीं होंगे। इधर नाम नहीं प्रकाशित करने के अनुरोध पर एक पेट्रोल पंप संचालक ने बताया कि सप्लाई बंद हो गई तो तीन दिन बाद पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो सकती है। सरकार को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए।
हड़ताल लंबी चली तो आम लोगों को दिक्कत हो सकती है। फल-सब्जी, किराना और अन्य सामान ट्रकों से ही शहर में आता है। हालांकि सब्जियों को लेकर एसोसिएशन सख्ती करने के मूड में नहीं है। उधर दवाइयां भी ट्रकों में ही आती हैं। इसलिए जरूरी दवाइयों की भी दिक्कत हो सकती है।