इंदौर। स्पेशल कोर्ट ने सहायक राजस्व निरीक्षक की 36 लाख 92 हजार की अनुपातहीन संपत्ति राजसात करने का आदेश दिया है। विशेष जज पीसी आर्य की कोर्ट ने नगर पालिका निगम उज्जैन के तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक कैलाश सांगते के खिलाफ ये आदेश दिए हैं।
जिला अभियोजन अधिकारी मो.अकरम शेख ने बताया कि सांगते की दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में मई 1987 में अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। 1999 में उसका प्रमोशन वसूली कलेक्टर के पद पर हुआ था। बाद में वह सहायक राजस्व निरीक्षक बन गया। शिकायत मिली थी कि उसने भ्रष्टाचार के जरिए अवैधानिक रूप से संपत्ति जमा कर ली है। 12 जनवरी 2012 को सांगते के निवास भीष्म नगर उज्जौन और सिंधी कॉलोनी (उज्जौन) स्थित दुकान पर छापे की कार्रवाई की गई।
यहां भूखंड, मकान, टाटा सफारी, स्कॉर्पियो, सोना चांदी के आभूषण, नकदी, बीमा पॉलिसियों सहित कई चल-अचल संपत्ति मिली थी। 28 जून 2016 को अभियोजन ने विशेष न्यायालय में एक आवेदन प्रस्तुत कर आरोपित की 50 लाख 23 हजार 668 रुपए की चल-अचल अनुपातहीन संपत्ति को राजसात करने और इसे उज्जैन कलेक्टर की सुपुर्दगी में जनहित में उपयोग करने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया था। शुक्रवार को विशेष जज प्रकाशचंद्र आर्य ने कैलाश सांगते, योगेश सांगते (पुत्र), ललिता सांगते (पत्नी) तथा सुंदरबाई (मां) के विरुद्ध आदेश पारित करते हुए संपत्ति राजसात करने का आदेश जारी किया।