भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य में 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना' के तहत एक अजीब सी शर्त रख दिए। अधिकारियों को कहना है कि दूल्हे को शौचालय में खड़े होकर फोटो खिंचानी होगी। जब तक यह फोटो सरकारी दफ्तर में जमा नहीं करा दी जाएगी, शादी नहीं करवाई जाएगी। लोगों का कहना है कि शौचालय के वेरिफिकेशन का काम सरकारी कर्मचारियों का है वह अपने काम से बचने के लिए इस तरह की बेहूदा शर्तें थोप रहे हैं।
दूल्हे को टॉयलेट में खड़े होकर भेजनी होगी सेल्फी
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के आवेदन फॉर्म में शर्त है कि दुल्हन के होने वाले पति के घर में टॉयलेट होना अनिवार्य है। इसके चलते सरकारी अधिकारी कहीं भी टॉयलेट चेक करने नहीं जा रहे हैं। वे दूल्हे से डिमांड करते हैं कि वह टॉयलेट में खड़े होकर एक फोटो खींचकर उन्हे भेजे। बताया जा रहा है कि टॉयलेट में खड़े होकर फोटो खिंचवाने में दूल्हों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। यह शर्त सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ही सीमित नहीं है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के नगर निगम के अधिकारी भी दूल्हों से यही डिमांड कर रहे हैं।
एक दूल्हे ने यूं बंया किया दर्द
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में रहने वाले एक युवक ने नाम छिपाने की शर्त पर बताया, ‘‘सोचिए कि मैरिज सर्टिफिकेट पर दूल्हे का ऐसा फोटोग्राफ लगेगा, जिसमें वह टॉयलेट के अंदर खड़ा है। मुझे यह भी बताया गया है कि काजी तब तक निकाह नहीं पढ़ेगा, जब तक मैं उसे ऐसा फोटो नहीं दे दूंगा।'' बता दें कि यह युवक उन 74 दूल्हों में शामिल था, जो गुरुवार (10 अक्टूबर) को भोपाल की सेंट्रल लाइब्रेरी में सामूहिक विवाह में शामिल हुए हैं।
51 नहीं 48 हजार रुपए मिलेंगे
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घोषणा की थी कि कन्यादान योजना के तहत ₹51000 दिए जाएंगे लेकिन अब बताया जा रहा है कि ₹51000 सरकार की तरफ से जारी होंगे परंतु कन्या को केवल ₹48000 ही दिए जाएंगे। शेष ₹3000 कार्यक्रम का आयोजन करने वाली संस्था को दे दिए जाएंगे।
पहले ये था नियम
बीएमसी के योजना प्रभारी सीबी मिश्रा ने बताया है कि पहले शादी के 30 दिन के अंदर टॉयलेट बनवाने की छूट थी जिसे अब खत्म कर दिया गया है। उनका कहना है कि टॉयलेट में खड़े दूल्हे का फोटा लगाना कोई गलत बात नहीं है। यह शादी के कार्ड का हिस्सा तो नहीं है। वहीं, बीएमसी कॉर्पोरेटर और स्थानीय कांग्रेस नेता रफीक कुरैसी ने कहा है कि यह बात समझ में आती है कि टॉयलेट स्वच्छ भारत मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं लेकिन इस प्रक्रिया को बेहतर किया जा सकता है।