भोपाल। मध्य प्रदेश के चीफ इनफॉरमेशन कमिश्नर अरविंद कुमार शुक्ला एक मामले की सुनवाई के बाद लोक सूचना अधिकारी पर ₹25000 का जुर्माना लगाते हुए कहा कि किसी भी घोटाले से जुड़ी जानकारी देने से इनकार नहीं किया जा सकता। भ्रष्टाचार की किसी भी जानकारी को जांच के नाम पर देने से मना नहीं किया जा सकता।
आयुक्त ने मामले में तत्कालीन लाेक सूचना अधिकारी डाॅ. राेमा मुखर्जी काे जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण आशय से जानकारी न देने का दाेषी मानते हुए 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया। यह राशि लाेक सूचना अधिकारी काे एक माह के अंदर सूचना आयाेग के कार्यालय में जमा करना हाेगी। नहीं ताे उनके खिलाफ आयाेग आरटीआई एक्ट की धारा 8 के तहत कार्रवाई करेगा।
सूचना आयाेग में जहांगीराबाद निवासी विजय बाबा ने सूचना के अधिकार कानून के तहत 23 मई 2017 में सात बिन्दुओं पर जानकारी मांगी थी। यह मामला वर्ष 2013 से 2016 तक एससीएसटी छात्राें काे दी जाने वाली किताबाें की खरीदी से जुड़ा था। किताबाें की खरीदी में लाइब्रेरियन और यूनिवर्सिटी बुक हाउस जयपुर द्वारा किए गए घोटाले और भ्रष्टाचार के विषय शिकायत और उसके संबंध में की गई कार्रवाईयाें की जानकारी मांगी थी।