भोपाल। कमलनाथ जबसे मुख्यमंत्री बने हैं तब से उनका एक पर्सनल एजेंडा है कि वह कलेक्टर का पद नाम बदलना चाहते हैं। उनका कहना है कि 'कलेक्टर' पदनाम अंग्रेजों के जमाने का है यह अच्छा नहीं लगता। कमलनाथ की टीम की तमाम बुद्धिजीवी, नौकरशाह और नेता नए पदनाम की तलाश कर रहे हैं परंतु पिछले 10 महीनों में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली अंततः जनता से अपील की गई है कि वह सुझाव दें।
बुधवार को विधि-विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि कलेक्टर अंग्रेजों के जमाने का नाम है। तब राजस्व का जिम्मा संभालने वाले अफसर टैक्स (लगान) वसूलते थे। कर कलेक्ट करने के कारण उनका नाम कलेक्टर पड़ गया। मंत्री शर्मा ने कहा कि कुछ सुझाव आए भी हैं। उनमें से एक जिलाधीश का नाम सुझाया गया है। यह भी अच्छा नाम है, लेकिन कुछ और विकल्प तलाश किए जा रहे हैं। उन्होंने आम जनता से कलेक्टर के लिए नया नाम सुझाने को कहा है।
कलेक्टर यानी कलेक्ट करने वाला
यह सही है कि कलेक्टर पदनाम अंग्रेजों के समय रखा गया था। वह अधिकारी जो एक क्षेत्र विशेष से किसानों से लगान वसूल करके कंपनी सरकार तक पहुंचाने का काम करता था उसे कलेक्टर कहा जाता था। हालांकि कर वसूली आज भी कलेक्टर की ही जिम्मेदारी है लेकिन कलेक्टर के पद पर बैठने वाला अधिकारी और भी बहुत सारी जिम्मेदारियां निभाता है बावजूद इसके कलेक्टर पदनाम में कोई बुराई इसलिए नहीं है क्योंकि कलेक्टर का संधि विच्छेद होता है कलेक्ट करने वाला यानी संग्रहित करने वाला। वर्तमान परिवेश में इसका अर्थ कुछ इस तरह से निकाला जा सकता है कि वह अधिकारी जो क्षेत्र विशेष की विकास योजनाओं के सुझाव संग्रहित करें जनता की शिकायतें संग्रह करके सरकार तक पहुंचाएं।