नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार भारत के घरों में छुपे बेनामी गोल्ड भंडार को सूचीबद्ध करने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है। आप सभी लोगों को घर में रखे गोल्ड की जानकारी सरकार के पास जमा करानी होगी। ऐसा सोना जो बिना टैक्स चुकाए खरीदा गया है उस पर टैक्स भी अदा करना होगा।
सरकार वर्ष 2017 में पेश प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जिसे आईडीएस 2 कहा गया था, की तर्ज पर सोने के लिए खास योजना ला सकती है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस योजना का मसौदा तैयार किया है। सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेज दिया है और जल्द ही कैबिनेट से इस योजना को मंजूरी मिल सकती है।
सूत्रों का कहना है कि अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में ही कैबिनेट में इस पर चर्चा होनी थी लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव की वजह से अंतिम समय पर फैसला टाल दिया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस स्कीम के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए मूल्यांकन केन्द्र से प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) लेना होगा। ये स्कीम एक खास समय सीमा के लिए ही होगी।। यह वर्ष 2014-16 की एमनेस्टी स्कीम की तर्ज पर होगी।
मंदिर-ट्रस्ट भी आएंगे इस दायरे में
सरकार देश में मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े सोने को भी उपयोगी बनाने की योजना पर विचार कर रही है। इनके सोने को उपयोगी बनाने के लिए सरकार जल्द महत्वपूर्ण घोषणा कर सकती है।
मूल्यांकन केन्द्र से प्रमाणपत्र जरूरी
योजना के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए मूल्यांकन केन्द्र से प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) लेना होगा। इसके तहत बिना रसीद वाले जितने सोने का खुलासा करेंगे उस पर एक तय मात्रा में टैक्स देना होगा।