भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की भर्ती प्रक्रिया में उस राज्य के नियम लागू होते हैं जहां भर्ती की जा रही है परंतु मध्यप्रदेश में उल्टा हो रहा है। यहां NHM द्वारा की जा रही है कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (CHO) की भर्ती में राज्य सरकार द्वारा तय किए गए आयु नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। सरकार ने अधिकतम आयु 40-45 तय की है जबकि NHM भर्ती में अधिकतम आयु 35-40 कर दी गई है। यानी कि मध्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को 5 साल का नुकसान हो रहा है। बता दें कि यह भर्ती कुल 3450 रिक्त पदों के लिए हो रही है।
केंद्र सरकार के हेल्थ एंड वैलनेस कार्यक्रम के तहत सभी राज्यों में संविदा पर सीएचओ की नियुक्ति के लिए आवेदन बुलाए गए हैं। आवेदन के बाद चयनित अभ्यर्थियों का कम्युनिटी हेल्थ में 6 माह का सर्टिफिकेट कोर्स होगा। इसके बाद इन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ किया जाएगा। चार माह पहले उम्र सीमा घटाए जाने पर विवाद होने के कारण राज्य सरकार ने प्रदेश के युवाओं के लिए नियम बदले थे।
आरबीएसके भर्ती में उम्र सीमा का सही पालन किया गया था
एनएचएम ने 13 सितंबर 2019 को आयुष चिकित्सा अधिकारी (आरबीएसके) के पदों के लिए संविदा नियुक्ति में आयु सीमा 21 से 40 वर्ष रखी थी। अनारक्षित वर्ग के लिए 5 वर्ष की छूट के साथ आयु सीमा 45 वर्ष रखी गई थी प्रश्न उपस्थित हुआ है कि मात्र 40 दिन बाद हो रही दूसरी भर्ती में अचानक आयु सीमा में परिवर्तन क्यों कर दिया गया।
कैबिनेट का ये था फैसला
कैबिनेट फैसले के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने 4 जुलाई 2019 को सभी विभागों के लिए आदेश जारी किए थे। इससे प्रदेश में सामान्य के लिए आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 40 वर्ष और आरक्षित के लिए 45 साल हो गई थी। इसमें पीएससी के सीधे पदों पर भर्ती के लिए आयु सीमा 21 से 40 वर्ष तथा पीएससी की परिधि के बाहर वाले पदों के लिए 18 से 40 वर्ष थी। ये साफ है कि विभागों के सैटअप में कोई भी नए पद होने पर सामान्य प्रशासन के नियम लागू होते हैं।