ग्वालियर। इस बार पुष्य नक्षत्र 21 अक्टूबर सोमवार को है। नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन खरीदारी और दूसरे शुभ कार्य करने का महत्व है। दिपावली के पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र को खरीदारी करना अति शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन बाजारों में लोगों का भारी जमावड़ा रहता है। लोग बहीखाते से लेकर सोने-चांदी तक की इस दिन खरीदारी करते हैं। पुष्य नक्षत्र यदि गुरुवार या रविवार को आए तो बहुत शुभ होता है। वैसे तो हर कार्य के लिए अलग-अलग शुभ मुहूर्त होते हैं और इन्ही मुहूर्तों में शुभ कार्य किए जाते हैं।
दीपावली के चार दिन पहले खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र आज 21 और 22 अक्टूबर को रहेगा, इस दौरान जो भी खरीदी की जाएगी, वह शुभ रहेगी। ज्योतिषाचार्य एचसी जैन के अनुसार पुष्य नक्षत्र 23 घंटे 7 मिनट रहेगा। आज 21 को सोमवार होने से सोम पुष्य के साथ संध्या योग और 22 अक्टूबर मंगलवार को भौम पुष्य पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है। पुष्य नक्षत्र में खरीदारी अति शुभ मानी जाती है। पुष्य नक्षत्र के साथ 3 ग्रह विशेष स्थिति में है। जिसके कारण 4 बड़े योग बन रहे हैं।
इनमें की गई खरीदारी बहुत शुभ रहेगी। खरीदारी के इस मुहूर्त में संपत्रि, सोना-चांदी, हीरे-मोती या घर के उपयोग की सामग्री खरीदी जा सकती है। सोमवार 21 अटूबर को शाम करीब 5:40 पर पुनर्वसु नक्षत्र समाप्त होकर पुष्य नक्षत्र शुरू हो रहा है लेकिन 22 अटूबर पुष्य नक्षत्र में सूर्योदय होने से इस दिन खरीदारी और अन्य शुभ कामों को करने का महत्व ज्यादा रहेगा। 22 अटूबर को सूर्योदय से शाम करीब 5 तक पुष्य नक्षत्र के संयोग में खरीदी की जा सकेगी। इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग बनने से रात में भी खरीदारी का मुहूर्त बना रहेगा।