भोपाल। मध्यप्रदेश की एक महिला आरटीओ अनायास ही सुर्खियों में आ गईं हैं। निश्चित रूप से ये वीवीआईपी हैं क्योंकि इनके मामले में ना तो कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ बोलते हैं और ना ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव हराकर सांसद बने केपी सिंह यादव कुछ कहने की हिम्मत जुटा पाते। जलवा ऐसा कि परिवहन मंत्री ने भरी विधानसभा में इस महिला आरटीओ को बचाने के लिए झूठा जवाब दे दिया और खौफ ऐसा कि सवाल पूछने वाले विधायक ने उफ तक नहीं की।
क्या बात है कि आरटीओ के खिलाफ जांच के आदेश तक नहीं होते
यहां बात हो रही है शिवपुरी की महिला आरटीओ मधु सिंह की। यह बताने की जरूरत नहीं कि प्रदेश भर में परिवहन विभाग के अधिकारी सबसे ज्यादा कालाधन कमाते हैं और उसका हिस्सा कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाता है। सरकारें बदल गईं परंतु परिवहन विभाग की कालाधन कमाओ वाली परंपरा आज तक नहीं बदली लेकिन मुद्दे की बात यह है कि यदि शिवपुरी में मधु सिंह के अलावा कोई दूसरा अधिकारी होगा तो उसके ब्रीफकेस भी वैसे ही होंगे जैसे शायद मधु सिंह भेजतीं हैं, फिर क्या कारण है कि आरटीओ मधु सिंह के खिलाफ जांच के आदेश तक नहीं दिए जाते। यह आरोप इसलिए क्योंकि साक्ष्य सामने होने के बावजूद सरकार और विपक्ष दोनों तरफ के नेता चुप हैं।
लोगों ने सीएम से लेकर कलेक्टर तक को चेताया था
ताजा मामला शिवपुरी में एक सड़क हादसे में हुईं 7 मौतों का है। ये 7 चिताएं सिर्फ इसलिए जलीं क्योंकि शिवपुरी का परिवहन अधिकारी अपनी ड्यूटी नहीं निभा रहा था। शिवपुरी में ओवर लोड और अवैध यात्री वाहनों का संचालन हो रहा है। हादसे में मारे गए सभी लोग ऐसे ही एक अवैध और ओवर लोड यात्री वाहन में सवार थे। शिवपुरी के लोगों ने हादसे से पहले ओवरलोड यात्री वाहनों की जानकारी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, क्षेत्र के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद केपी सिंह यादव एवं शिवपुरी कलेक्टर तक को दी थी लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया और हादसा हो गया। अब वो सारी चेतावनियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि सूचना के बाद भी समय रहते कदम क्यों नहीं उठाए गए।
हादसे में 7 मौते हो गईं, एक बयान तक नही आया
चौंकाने वाली बात यह है कि हादसे के बाद किसी भी नेता का एक बयान तक नहीं आया। नदी में डूबने से 2 लोगों की मौत पर जिन ज्योतिरादित्य सिंधिया का मन द्रवित हो जाता है! उनके अपने क्षेत्र शिवपुरी में हुईं 7 अकाल मौतों पर उन्होंने शोक तक नहीं जताया। सिंधिया विरोधी भाजपा नेता एवं सांसद केपी सिंह यादव जो जनता की चौकीदारी की शपथ उठाए घूमते रहते हैं, इस हादसे पर चुप हैं। क्षेत्रीय विधायक एवं भाजपा नेता वीरेंद्र सिंह रघुवंशी तो उसी दिन से चुप हैं जब से उन्होंने विधानसभा मेें प्रश्न लगा दिया था। सवाल यह है कि ऐसा क्या है जो सारी सरकार और सारा विपक्ष भी चुप है। सिर्फ इसलिए क्योंकि बयान दिया तो हादसे के लिए जिम्मेदार आरटीओ पर भी उंगली उठानी पड़ेगी।
घोटाले के साक्ष्य सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं
बता दें कि आरटीओ मधु सिंह के एक घोटाले के साक्ष्य सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। भाजपा नेता एवं विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी ने प्रश्न लगाने की हिम्मत भी जुटा ली थी परंतु फिर पता नहीं क्या हुआ। सदन में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गलत जवाब दिया और विधायक ने उफ तक नहीं किया। स्थानीय पत्रकारों ने मामला अब भी जिंदा बनाए रखा है परंतु सत्ता और विपक्ष के नेता चुप हैं। कुछ तो बात है इस महिला आरटीओ में जिसके मामले में सिंधिया भी चुप और सांसद भी!
मधु सिंह को मुरैना में सस्पेंड किया गया था, फिर जिला दे दिया
बता दें कि 2017 में मधु सिंह को मुरैना में सस्पेंड किया गया था। तत्समय उन पर आरोप था कि वो शहर में अवैध स्कूल वाहन संचालित करवा रहीं हैं। एक हादसे में बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद तत्कालीन मंत्री भूपेंद्र सिंह के कहने पर मधु सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था।