इंदौर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ की डिविजन बेंच ने एक जनहित याचिका पर फैसला देते हुए रतलाम जिले के सैलाना मैं राजघराने की राजा यादवेंद्र सिंह द्वारा सरकारी जमीन पर किए गए अवैध कब्जे को तत्काल हटाने के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा है कि सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामलों को सरकार बिलकुल हल्के में ना ले। ऐसी जमीनों को मुक्त कर अपने कब्जे में लिया जाए।
सैलाना में सैलाना राजघराने के लिए ठाकुर यादवेंद्र सिंह ने 40 साल से अपने महल से लगी जिस सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है, उसे मुक्त किया जाए। जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा अाैर जस्टिस एसके शुक्ला की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता दिलीप जोशी अाैर राजेंद्र जोशी की ओर से अधिवक्ता मनीष यादव ने पैरवी की थी।
याचिका में कहा गया कि सैलाना में महल के बाहर की जमीन पर दुकानें बना ली गई थीं। इन्हें किराए पर देकर पैसा लिया जा रहा था। इस जमीन पर बस स्टैंड बनाया जाना था, लेकिन अतिक्रमण के कारण काम शुरू नहीं हो रहा था। याचिका दायर करने से पहले प्रशासन से भी शिकायत की थी। राजस्व मंडल ने भी माना था कि यह जमीन सरकारी है। दो साल पहले इसे मुक्त कराने के लिए याचिका दायर की गई थी। सरकार ने इस पर जवाब दिया कि जमीन तो सरकारी है, लेकिन यह जनहित याचिका का विषय नहीं है। इसे खारिज किया जाना चाहिए।
वहीं, यादवेंद्र सिंह की ओर से कहा गया कि जमीन पर बरसों से दुकानें बनी हैं। किराएदारी का विवाद चल रहा है। इससे बचने के लिए जनहित याचिका का सहारा लिया जा रहा है। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार देर शाम हाई कोर्ट ने फैसला जारी करते हुए जमीन को मुक्त कराने के आदेश कलेक्टर, एसपी और अन्य को दिए।