भोपाल। मध्यप्रदेश में भूकंप, पानी में डूबने से मृत्यु होने पर अब जनकल्याण (संबल) या भवन संनिर्माण योजना के तहत आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी। सरकार ने योजना से इस प्रावधान को समाप्त कर दिया है। इस योजना को लेकर अब सरकार ने नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।
भुगतान की गड़बड़ी की संभावना के मद्देनजर उठाया गया यह कदम
यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि यह कदम दोहरे भुगतान की गड़बड़ी की संभावना के मद्देनजर उठाया गया है। दरअसल, राजस्व पुस्तक परिपत्र में दिव्यांगता या मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है।
सरकार को मिल रही थी गड़बड़ी की शिकायत
सूत्रों का कहना है कि सरकार को यह शिकायत मिल रही थी कि प्राकृतिक आपदा में मृत व्यक्ति के परिजनों को सहायता देने में गड़बड़ी हो रही है। उल्लेखनीय है कि दो-दो योजनाओं से सहायता राशि निकाली जा रही है। इसके साथ ही इसमें अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही थी।
श्रम विभाग ने एक अक्टूबर को आदेश निकाला
इस सब मामले को देखते हुए मध्यप्रदेश के श्रम विभाग ने एक अक्टूबर को आदेश निकालकर कहा कि राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी) में जिन मामलों में सहायता राशि की पात्रता है, वहां संबल या भवन संनिर्माण योजना से किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जाएगी। इस प्रावधान को अब संबल योजना से समाप्त कर दिया है, इसलिए ऐसा कोई भी भुगतान नहीं किया जाए।
आरबीसी में चार लाख रुपए दी जाती है सहायता
उल्लेखनीय है कि आरबीसी छह (4) में प्राकृतिक आपदा, तूफान, भूकंप, बाढ़, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, भूस्खलन, आकाशीय बिजली गिरने, मकान या खलिहान में आग, पानी से डूबने, बस के नदी या जलाशय में गिरने, नाव दुर्घटना, सांप या अन्य जहरीले जंतु के काटने से मृत्यु होने पर चार लाख रुपए की सहायता देने का प्रावधान है। अब योजना का नया सिरे से क्रियान्वयन किया जाएगा।