भोपाल। प्रदेश के विभिन्न विभागों के बीएमएस से जुड़े संविदा नेताओं द्वारा सरकार के खिलाफ संविदा स्वराज आंदोलन को घोषणा बड़े जोरशोर से की थी जिसमें काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन, जिला स्तर पर ज्ञापन सौपने और 21 को भोपाल में सीएम हाऊस घेराव की घोषणा हुई थी।
संविदा कर्मचारी संगठनों के नेता रमेश राठौर, अजय तिवारी और राहुल जैन ने दावा किया है कि आंदोलन के पहले ही दिन के संविदा के प्रमुख नेताओं द्वारा बीएमएस और विपक्षी दल के नेताओं की आंदोलन में दखलंदाजी को लेकर पल्ला झाड़ लिया जिसके चलते आंदोलन पहले ही दिन बुरी तरह फ्लाप रहा। पहले दिन विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर कार्यालयो में काम करने की घोषणा हुई थी लेकिन प्रदेश के प्रत्येक जिले में एका दुक्का ही कर्मचारी काली पट्टी बांधे दिखायी दिए।
संविदा कर्मचारी संगठनों के नेता रमेश राठौर, अजय तिवारी और राहुल जैन जैसे नेताओं की दूरी बनाने के विषय में पूछे जाने पर सभी ने कमलनाथ सरकार द्वारा संविदा हित में हों रहे कामों पर संतोष जताते हुए 90% वेतन व नियमितीकरण पर सरकार को कुछ और समय देने की बात कही है। सूत्रो के अनुसार इन नेताओं द्वारा आंदोलन की रणनीति में बीएमएस और बीजेपी के पदाधिकारियों की सक्रीय भूमिका के चलते हो रही सत्ता विरोधी राजनीति से परेशान होकर आंदोलन से अपने संगठनो को दूर रखा है।
वही आन्दोलन की अगुवाई कर रहे स्वास्थ्य संघ के सौरभ चौहान ने आन्दोलन को सफल बताते हुए दिन प्रतिदिन और उग्र करने की बात कही है।