भोपाल। ST.PETER'S HIGHER SECONDARY SCHOOL,MANDIDEEP के प्राचार्य कैलाश कड़वे और संचालक विजय मसीह ने फर्जी अंक सूची के आधार पर एक छात्रा को गुमराह करते हुए ग्यारहवी में प्रवेश दे दिया। बाद में उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई अंकसूची फर्जी पाई गई। इस मामले में स्कूल संचालक और प्राचार्य को दोषी मानते हुए सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार सरैया ने 3-3 साल का सश्रम कारावास और 3-3 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। हालांकि संचालक की पहले ही मौत हो जाने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही शून्य हो गई है। जबकि स्कूल प्राचार्य कैलाश कड़वे को सजा हुई है।
सरकारी वकील ओमप्रकाश सोनी ने बताया कि नीलू ठाकुर पुत्री देवीसिंह ठाकुर वर्ष 2011 में सेंट पीटर हायर सेकंडरी स्कूल मंडीदीप में कक्षा 10 वी में पढ़ती थी। दसवीं की परीक्षा में अंग्रेजी और गणित के विषयों सप्लीमेंट्री आई थी। स्कूल संचालक और प्रबंधक आरोपी बबलू उर्फ विजय मसीह द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की फिर से जांच कराने का बोलकर 2 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद नीलू को उत्तीर्ण दिखाकर कक्षा 11 वी में प्रवेश दिला दिया।
उसके बाद जब 12वीं कक्षा के फार्म जा किया गया। नीलू को रोल नंबर और प्रवेश पत्र नहीं मिले। संपर्क करने पर आरोपी स्कूल संचालक ने आश्वासन दिया की परीक्षा शुरु होने के पहले वे भोपाल से प्रवेश पत्र दिला देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद विजय मसीह द्वारा उपलब्ध करवाई गई दसवीं की अंकसूची की जांच करवाई गई तो वह फर्जी निकली। उन्होंने पुलिस महानिर्देशक को इस बात की शिकायत की। मामला मंडीदीप थाने में आया।
जांच के बाद मामला दर्ज किया गया। घटना में दोषी पाए गए विजय मसीह की पहले ही मौत हो चुकी है। जबकि स्कूल प्राचार्य कैलाश कड़वे की फर्जी अंक सूची में दस्तखत और सील लगी हुई थी।