TRAIN में अब जनरल टिकट वालों को भी रिजर्व सीट मिलेगी, FLIGHT की तरह बोर्डिंग पास बनेंगे

Bhopal Samachar
भारत में प्रमुख ट्रेनों के जनरल बोगियों में सवार होने वाले अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों को बोर्डिंग पास निर्गत किया जा रहा है। यह व्यवस्था पांच सितंबर से शुरू कर दी गई है। इसका नाम PURB यानि पूरब रखा गया है। PURB (Pass for Un-Reserved Boarding)। 'पूरब' एक वेब और ऐप बेस्ड ई बोर्डिंग पास उपलब्ध कराता है, जिसकी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। आप घर बैठे इस एप के जरिए ई बोर्डिंग पास ले सकते हैं।

PURB पूरब से यात्रियों को ये होगा फायदा....

-प्लेटफॉर्म पर भीड़ जमा नहीं होगी। लंबी कतारों और भगदड़ रोकने में सुविधा मिलेगी। महिलाओं और बच्चों के लिए सुविधाजनक है। 
-यात्रियों को फोटोयुक्त डिजिटल पास उनके वाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा, इससे धोखाधड़ी और टिकट ट्रांसफर पर रोक लगेगी। पुरानी प्रणाली की अपेक्षा नए डिजिटल प्रणालीयुक्त फोटो लगने से इसके दुरुपयोग, तेज गति से फोटोयुक्त बोर्डिंग सूची का टीटीई द्वारा मिलान करने की सुविधा मिलेगी।
-यात्री सुविधा के साथ-साथ अनारक्षित यात्रियों के टिकटों की जांच में सहायता मिलेगी।
-डिजिटल इंटरफेस होने के कारण यात्री सुविधा के साथ अनारक्षित श्रेणी में सुधार, इसमें तीव्रता और डाटाबेस MIS रिपोर्ट देने में सहायता मिलेगी। 
-यात्री द्वारा अनारक्षित टिकट खरीदने के बाद पूरब काउंटर से सीटों का आवंटन होगा।
-रेल कर्मचारी द्वारा पहले आओ, पहले पाओ के तर्ज पर फोटो खींचकर एवं ट्रेन संख्या दर्ज कर सीटों का आवंटन किया जाएगा।

-अंततः ट्रेन के खुलने के समय कार्यरत टीटीई द्वारा बोर्डिंग पास दिया जाएगा। टिकट के साथ यात्रियों के फोटो से पहचान करने के बाद उन्हें निर्धारित सीट मिल सकेगा।
-देर से आनेवाले यात्री बिना किसी निर्धारित सीट आवंटन के बोर्डिंग के हकदार होंगे और जिनके पास मोबाइल वाट्सएप नहीं हों, उन्हें भी छपे हुए बोर्डिंग पास दिए जाएंगे। 

पूरब से बोर्डिंग पास निर्गत करने की जिम्मेदारी रेलवे सुरक्षा बल को दी गई है। बोर्डिंग पास यात्रियों के मोबाइल पर उनके चित्र के साथ मिल रहा है। 
बोर्डिंग पास निर्गत करने का साफ्टवेयर विकसित किया गया है। 
ट्रायल के दौरान साफ्टवेयर में एक टिकट पर छह लोगों के बोर्डिंग पास निर्गत करने में परेशानी हो रही थी। अब साफ्टवेयर में एक ही तस्वीर में सभी छह यात्रियों को शामिल कर लिया गया है। इसे एक यात्री के मोबाइल पर बोर्डिंग पास भेज दिया जा रहा है। जिनके पास एंड्रोआयड मोबाइल नहीं है उन्हें इसका प्रिंटआउट दिया जा रहा है। इस बोर्डिंग पास पर ही उनका बोगी नंबर व सीट नंबर अंकित रहता है।

आरपीएफ पोस्ट प्रभारियों को एक-एक प्रिंटर तथा दो-दो आधुनिक मोबाइल फोन दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। 
कोई भी यात्री टिकट लेने के बाद बोर्डिंग पास के लिए आरपीएफ से बात करते हैं। 
आरपीएफ के जवान वहीं पर उनकी तस्वीर लेकर तत्काल यात्री के मोबाइल पर बोर्डिंग पास निर्गत कर भेज दे रहे हैं। 
इससे किसी तरह की घटना होने के बाद बोगी के यात्रियों से अपराधी की पहचान आसानी से कराई जा सकती है। 
इतना ही नहीं बार-बार बोर्डिंग पास निर्गत कराने वाले यात्रियों पर भी आरपीएफ आसानी से नजर रख सकती है।
ऐसे लोगों को संदिग्ध की सूची में शामिल कर उनपर नजर रखी जाएगी। 
इतना ही नहीं सीट से अधिक होने पर यात्रियों को ट्रेन में सवार होने के लिए भी बोर्डिंग पास दिया जा रहा है। 
आरपीएफ के पास सारे यात्रियों को पूरा रिकार्ड तस्वीर के साथ रह रहा है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी काफी फायदा मिल रहा है। 

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