भोपाल। व्यापमं घोटाले में हुई लीपापोती के उत्साहित अफसर फिर से उसी तरह के घोटाले करने लगे हैं। आयुष कॉलेजों में उत्तरप्रदेश के छात्रों को मध्यप्रदेश के कोटे से सीट आवंटित कर दी गई। अफसरों की हिम्मत देखिए कि जब इसका खुलासा हुआ तो वो जांच के नाम पर मामले को टालने की कोशिश करते नजर आए।
बता दें कि नीट की तर्ज पर आयुष कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा आयोजित की जाती है। इसके लिए सभी राज्यों की 15 प्रतिशत सरकारी सीटें सेंट्रल कोटा के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं। बची हुईं 85 प्रतिशत सीटों पर केवल मप्र के ही छात्रों को प्रवेश मिल सकता है, जबकि निजी कॉलेज की सीट बाहर के छात्रों को भी आवंटित हो सकती हैं।
मप्र के एकमात्र शासकीय होम्योपैथी कॉलेज में पीजी की कुल 55 सीट हैं। इनमें से 7 सीट सेंट्रल स्तर की काउंसलिंग में आवंटित हो गई थीं। बची हुईं 47 सीट पर 3 अक्टूबर से काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसमें मप्र के बाहर के कुल 4 छात्रों को शासकीय होम्योपैथी कॉलेज में प्रवेश दे दिया गया।