नई दिल्ली। थाईलैंड के एक न्यायाधीश (जस्टिस कनाकोर्न पियानचाना) ने 5 हत्यारों को बरी करने का फैसला सुनाने के बाद भरी अदालत में खुद को गोली मार ली। जज इस बात से दुखी थे कि अभियोजन ने सबूत ही पेश नहीं किए। उन्होंने आरोप लगाया कि थाईलैंड में ताकतवर लोगों के अपराध माफ किए जाते हैं जबकि कमजोर लोगों को कड़ा दंड दिया जाता है।
थाईलैंड की अदालतों में पक्षपात होता है
आलोचकों का कहना है कि थाईलैंड की अदालत अक्सर संपन्न और ताकतवर लोगों के पक्ष में काम करती है, जबकि आम लोगों को छोटे-छोटे अपराधों के लिये फौरन तथा कड़ा दंड दिया जाता है। अब तक किसी न्यायाधीश को न्याय प्रणाली की आलोचना करते नहीं सुना गया था।
हत्या के मामले में सभी को बरी किया और खुद को गोली मार ली
विद्रोह प्रभावित दक्षिणी थाईलैंड के मध्य में स्थित याला अदालत में जस्टिस कनाकोर्न पियानचाना ने गोली मारकर हत्या करने के एक मामले में शुक्रवार दोपहर को पांच मुस्लिम संदिग्धों पर फैसला सुनाया। उन्होंने अदालत कक्ष में उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को बरी कर दिया और इसके बाद उन्होंने बंदूक निकालकर अपने सीने में गोली दाग ली।
सिस्टम पर गंभीर सवाल उठाए
अपने फोन पर फेसबुक लाइव जारी कर जज ने अदालत को संबोधित किया और कहा, 'किसी को सजा सुनाने के लिए आपको स्पष्ट और विश्वसनीय सबूत की जरूरत होती है, इसलिए अगर आप आश्वस्त नहीं हैं तो उन्हें दंडित नहीं करें।' उन्होंने कहा, 'मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पांचों अभियुक्तों ने अपराध नहीं किया है, हो सकता है उन्होंने ऐसा किया हो... लेकिन न्याय प्रक्रिया को पारदर्शी और विश्वास करने योग्य होने की आवश्यकता है जो उन्हें बलि का बकरा बनाकर गलत लोगों को दंडित करती है।'
आत्महत्या की कोशिश से पहले यह काम किया
फेसबुक फीड को बाद में हटा दिया गया, लेकिन इसे देखने वालों ने कहा कि कनाकोर्न ने खुद को गोली मारने से पहले थाईलैंड के पूर्व राजा की तस्वीर के सामने कानून की शपथ ली। न्यायपालिका के कार्यालय के प्रवक्ता सुरियां होंगविलई ने शनिवार को बताया, 'डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं और बताया जाता है कि वह खतरे से बाहर हैं।'
अधिकारियों ने 'व्यक्तिगत तनाव' बताया
होंगविलई ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने 'व्यक्तिगत तनाव' के कारण खुद को गोली मारी, लेकिन उनके तनाव के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है और उसकी जांच की जाएगी।' उन्होंने कहा कि अब तक किसी थाई न्यायाधीश ने व्यापक न्याय प्रणाली पर ऐसे बयान देकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं किया।
पाचों अपरोपी हिरासत में, सरकारी अपील का इंतजार
संदिग्धों की ओर से काम कर रहे एक वकील ने कहा कि न्यायाधीश कनाकोर्न ने अभियोजन पक्ष के सबूतों को खारिज कर दिया और कहा कि सजा सुनाये जाने के लिये ये सबूत पर्याप्त नहीं हैं। यला में मुस्लिम अटॉर्नी सेंटर के अब्दुल्ला हायी-अबु ने कहा, 'फिलहाल पांचों को अब भी हिरासत में रखा गया है और इस बात का इंतजार किया जा रहा है कि सरकारी वकील उन्हें बरी किये जाने के खिलाफ अर्जी दाखिल करते हैं या नहीं।'