भोपाल में प्रदूषण के कारण 16 वर्षीय लड़की की मौत, पीएम रिपोर्ट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर सवाल | BHOPAL NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक स्थित औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप से जहरीला धुआं भोपाल शहर की तरफ आ रहा है। इस जहरीले धुएं के कारण भोपाल की हवाएं प्रदूषित हो रही है। इसके चलते अब तक 2 मौतों के समाचार हैं। पटेल नगर निवासी 16 वर्षीय लड़की दिशा जैन की प्रदूषण के कारण मौत हो गई। इस मामले में दिशा के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी संदेह की जद में आ गए हैं। उन्होंने मौत का कारण वह बता दिया जो हो ही नहीं सकता था।

दिशा ने खाना खाया ही नहीं था, पीएम रिपोर्ट में लिखा आहार नली में खाना अटका है

गुरुवार को मंडीदीप स्थित एक कंपनी से निकले जहरीले धुएं ने पटेल नगर निवासी सुबोध जैन की 16 वर्षीय बेटी दिशा जैन की जान ले ली। पिता का आरोप है कि मेरी बेटी की जान कंपनी से निकले धुएं के कारण गई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट इससे बिल्कुल अलग है। पीएम करने वाले डॉक्टर ने आहार नली में खाना अटकने का कारण बताया है, जबकि मेरी बेटी ने तो खाना खाया ही नहीं था। शाम 6 बजे सिमैया खाई थी। एक घंटे बाद 7:00 बजे दिशा ने चाय पी और रात 9 से 9:30 बजे के बीच उसे दो हिचकी आईं। जैन ने कहा कि यदि उसकी आहार नली में खाना फंसा होता तो वह चिल्लाती या फिर पानी पीती, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

HEG ने तकनीकी की भाषा में जवाब दे दिया, प्रमाण संलग्न नहीं किए

मंडीदीप पुलिस द्वारा सांवरिया और एचईजी फैक्ट्री को संदेह के घेरे में लेते हुए शुक्रवार को नोटिस जारी किए गए थे। इसके जवाब में सांवरिया प्रबंधन ने कहा था कि कंपनी 2 महीने से बंद है। वहीं, एचईजी के एचआर महाप्रबंधक सुनील कटारिया ने सोमवार को नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि एसीसी प्लांट में सभी प्रोडक्शन उपकरण के साथ प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगे हैं, जो मशीनों के साथ इंटरलॉक्ड हैं। उपकरणों के नहीं चलने पर प्रोडक्शन ऑटोमेटिक बंद हो जाता है। हमारे उद्योग में चिमनी उत्सर्जन तथा एमबीएट वायु का मापन निरंतर चलता है। उपरोक्त समय पर एलपीजी प्लांट पूर्णता सामान्य रूप से चल रहा था, कहीं से भी कोई भी धुआं अथवा राखड़ का उत्सर्जन नहीं हुआ। कुल मिलाकर HEG कंपनी ने तकनीकी भाषा का उपयोग करते हुए एक जवाब प्रस्तुत कर दिया। जवाब के साथ किसी भी प्रकार का प्रमाण संलग्न नहीं है। यह जांच का विषय हो सकता है कि कंपनी ने जो जवाब में लिखा कैसे प्रमाणित हुआ कि वह सही था। पुलिस को तकनीकी ज्ञान होता नहीं इसलिए उसके पास कंपनी का जवाब फाइल में संलग्न करने के अलावा कोई दूसरा चारा ही नहीं है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कुछ पता नहीं, एक ही लक्ष्य HEG को बचाओ

पीसीबी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरआर सेंगर का कहना है कि एचईजी और सांवरिया कंपनी की संदेह के आधार पर जांच की गई, जिसमें पता चला कि सांवरिया कंपनी पिछले कुछ समय से बंद है, जबकि एचईजी के प्रदूषण फैलाने वाले मुख्य स्त्रोत दोनों कैपटिव पावर प्लांट बंद हैं। इनके अलावा कंपनी के जो अंदर के प्लांट हैं वे नॉर्मल हैं। अब यह समझ नहीं आ रहा कि धुआं किस कंपनी से आया था। हम उसका सोर्स पता कर रहे हैं। सेंगर ने बताया कि कल रात को भी हमने कुछ कंपनियों की जांच की, जो धुआं छोड़ती हैं। दो कंपनियों से धुआं निकलता पाया गया है। अभी इनका नाम बताना जांच को प्रभावित करेगा। डॉक्यूमेंटेशन कंप्लीट करने के बाद इन्हें नोटिस देकर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!