जावद/रतलाम। खोर पंचायत में फर्जीवाड़ा कर सरकारी जमीन पर पट्टे काटकर बेचने के मामले में 2 सरपंच, सचिव, सब रजिस्ट्रार समेत 21 लोगों के खिलाफ जावद थाने में धारा 420 सहित 10 धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने एसडीएम दीपक चौहान के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की। एसडीएम के अनुसार अगले दिनों में जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व शासकीय सेवकों को पद से पृथक करने की कार्रवाई होगी।
ग्रामीणों ने बाजार बंद रखा था, एसडीएम की जांच में घोटाला प्रमाणित हुआ
31 अक्टूबर को खोर पंचायत में रोड किनारे की बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध ढंग से भू अधिकार पत्र में जमीन आवंटन का मामला सामने आया। विरोध में ग्रामीणों ने खाेर बंद रखा था। इसके बाद सिलसिलेवार जांच चली। एसडीएम दीपक चौहान ने पंचायत का रिकॉर्ड मंगाने के साथ तहसीलस्तर पर जांच की। मौका-मुआयना रिपोर्ट बनाई। इसमें खोर सरपंच लीलाबाई सुथार, सचिव प्रेमचंद माली, दामोदरपुरा सरपंच धर्मेंद्र बैरागी, सब रजिस्ट्रार राजेश सोहिल के अलावा जमीन खरीदार-बेचने वालों की भी भूमिका सामने आई। एसडीएम चाैहान ने बताया कब्जे की जमीन बताने के बाद गलत ढंग से स्वामित्व प्रमाण पत्र जारी हुआ। संदेह के कई बिंदु थे। जांच में कई लोगों के सगे संबंधियों की रजिस्ट्री सामने आई।
सरकारी जमीन घोटाला में इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
जावद टीआई ओपी मिश्रा ने बताया सरकारी जमीन को बेचने के मामले में खोर सरपंच लीलाबाई सुथार, सचिव प्रेमचंद माली, दामोदरपुरा सरपंच धर्मेंद्र बैरागी, सब रजिस्ट्रार राजेश सुहिल, संजय सोनी, धर्मेंद्र सोनी, पूजा पति संजय सोनी, रवि पिता मांगीलाल, राजू पिता लक्ष्मीचंद खेड़ा राठौर, विष्णु पिता रामचंद्र चौधरी, शकुंतला पति विष्णुलाल, विकास पिता प्रहलाद बैरागी, दामोदरपुरा सरपंच धर्मेंद्र पिता प्रहलाद बैरागी, घीसा नाथ योगी खेड़ाराठौर, मनोजकुमार तिवारी खोर, ओमप्रकाश नानूराम खटीक खोर, गोपाल नानूराम खटीक खोर, जीवन पिता जानकीलाल मेघवाल दामोदरपुरा, संतोषबाई पति जगदीश गायरी खोर, गणपत पिता शंभूलाल मेघवाल खोर, नीतेश पिता लक्ष्मण लोहार खोर, प्रहलाद पिता भेरूलाल मेघवाल खोर, मोहनी पति गणपत मेघवाल खोर के खिलाफ धारा 420, 465, 466, 467, 468, 472, 471, 181, 34, 120 बी में केस दर्ज किया।