भोपाल। मध्यप्रदेश की तमाम सहकारी समितियों में 3600 सेल्समैन की भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है। सहकारिता मंत्री ने विधानसभा में सेल्समैन भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित करने का ऐलान किया था, सीएम कमलनाथ ने मंत्री को फ्रीहेंड दे दिया है, सहकारिता विभाग ने फाइल बनाकर भेज दी है लेकिन मंत्रीजी ने अब तक फाइल दबा रखी है। ये परीक्षाएं शिवराज सिंह शासनकाल में एमपी ऑनलाइन के माध्यम से हुईं थीं। 40 हजार उम्मीदवारों ने परीक्षा में भाग लिया था।
सहकारिता विभाग ने फाइल दबा रखी है
सूत्रों का कहना है कि पिछले माह जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की थी, तब भी यह विषय उठा था। उन्होंने इस मामले में सहकारिता मंत्री को निर्णय लेने के लिए फ्री-हैंड दिया है। इसके बावजूद अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। जबकि आयुक्त कार्यालय की ओर से अंतिम निर्णय के लिए विभागीय मंत्री को फाइल भेजी जा चुकी है, लेकिन अनुमोदन अभी तक नहीं मिला है।
20 मई 2019 को नतीजे घोषित करने के आदेश दिए थे
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नीतिगत मामला होने से निर्णय सरकार के स्तर से ही होना है। बताया जा रहा है कि चयन प्रक्रिया भाजपा सरकार के समय शुरू हुई थी। एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन बुलाए गए थे और चयन मेरिट के आधार पर होना था। करीब 40 हजार युवाओं ने प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। विधानसभा के मानसून सत्र में जब भर्ती को लेकर सवाल लगा तो डॉ. सिंह ने फाइल बुलवाई और 20 मई 2019 को नतीजे घोषित करने के आदेश दिए।
हाईकोर्ट में याचिका का रास्ता भी निकाल लिया था
इसी बीच हाईकोर्ट का कुछ मामलों में स्थगन होने की बात सामने आई तो महाधिवक्ता कार्यालय से सलाह ली गई। महाधिवक्ता कार्यालय ने हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन नियुक्ति देने की शर्त के साथ नियुक्ति देने का मशविरा दिया था। इसके बाद नतीजा घोषित करने की तैयारी शुरू हो गई थी, लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उधर, नरसिंहपुर सहित कुछ अन्य जगहों के आवेदकों ने परिणाम घोषित न होने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगा दी है।