भोपाल। सरकारी भी लोगों की जिंदगी से प्रयोग करती रहती है। कुछ सालों पहले सरकार ने तय किया था कि कक्षा 8 तक किसी भी स्टूडेंट को फेल नहीं किया जाएगा। नतीजा यह हुआ कि हाई स्कूल में फेल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या तेजी से बढ़ती गई। सरकार को अपनी गलती समझ में आई तो आप सुधार के लिए नए प्रपंच शुरू कर दिए हैं। राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल की संचालक आईरीन सिंथिया ने सभी प्रधानाध्यापकों को आदेशित किया है कि वह स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को चिट्ठी लिखकर चेतावनी दी कि उनका बच्चा फेल भी हो सकता है।
बता देंगे इस बार पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर आयोजित किए जाने का प्लान है। इसमें फेल होने वाले स्टूडेंट्स को 2 महीने बाद फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा। यदि सेकंड चांस में भी बच्चा पास नहीं हुआ तो उसे फेल घोषित कर दिया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल की संचालक आईरीन सिंथिया जेपी ने सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया है कि वह पांचवी और आठवीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के पैरंट्स को चिट्ठी लिखें। जिसमें वह उल्लेख करेंगें कि छात्र के यदि 33 फीसदी से कम अंक आए तो फिर उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। यही नहीं यदि 2 माह बाद उसमें भी पास नहीं हुए तो फिर से पुरानी कक्षाओं में ही छात्र को अध्ययन करना होगा।
दरअसल इस बार कक्षा 5 और कक्षा 8 की परीक्षा का आयोजन बोर्ड पैटर्न पर राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस परीक्षा में शिक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह अपनी अपनी कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के लिए इस पत्र को लिखने की तैयारी करें। यही नहीं इस पत्र को छात्रों से पढ़वाने के साथ ही उस पर अमल करने की जिम्मेदारी भी प्रधानाचार्य वहन करें। यदि छात्र और उनके अभिभावक इस पत्र को पढ़कर जागरुक हो गए तो इससे इन दोनों बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम बेहतर होगा।
इसलिए जारी हुआ पत्र
दरअसल कक्षा 10और कक्षा 12 का बोर्ड परीक्षा परिणाम लगातार बिगड़ रहा है और इसका मूल कारण जो सामने निकलकर आया है उसके अनुसार कक्षा 5 और कक्षा 8 में कम नंबर आने के बाद भी विद्यार्थियों को पास कर दिया जाता है और वह कमजोर होने के चलते कक्षा 10 और 12 की पढाई को बेहतर ढंग से कर नहीं पाते इस वजह से कक्षा 10 और 12 के परीक्षा परिणाम भी बिगड़ रहे हैं। इन परीक्षाओं के परिणाम में सुधार आए इस बाबत अभिभावकों को अभी से सजग करने की ज़रुरत है ताकि इन आने वाले 3 महीनों में छात्र अच्छे से पढाई करले और वह अपना परिणाम भी सुधार ले।