भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार का खजाना खाली है। छोटे कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा। ठेकेदारों के पेमेंट रूके हुए हैं। नई भर्तियां नहीं की जा रही। विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। बावजूद इसके हर मामले में अड़ंगा लगाने वाले वित्त विभाग में मंत्रियों की स्वेच्छानुदान राशि मैं इंक्रीमेंट पर सहमति जता दी है। इसे दोगुना किया जा सकता है। इसके अलावा वित्त विभाग विधायक निधि बढ़ाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं उठाई है।
मंत्रियों की स्वेच्छानुदान राशि 50 लाख है, एक करोड़ हो जाएगी
सूत्रों के मुताबिक सामान्य प्रशासन, संसदीय कार्यमंत्री एवं सहकारिता मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने स्वेच्छानुदान बढ़ाने का मुद्दा उठाया था। कुछ अन्य मंत्रियों ने भी क्षेत्रीय जरूरतों का हवाला देते हुए स्वेच्छानुदान की राशि 50 लाख रुपए सालाना को बढ़ाने की मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने रखी थी। मुख्यमंत्री ने भी इस राशि को बढ़ाए जाने पर सहमति जताई थी। बता देगी मंत्रियों के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष का स्वेच्छानुदान भी बढ़ाया जाता है। क्योंकि यह सभी कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त होते हैं।
राज्य मंत्रियों की स्वेच्छानुदान: 35 लाख से बढ़ाकर 50 लाख
राज्यमंत्रियों का स्वेच्छानुदान पैंतीस लाख से बढ़ाकर 50 लाख करने का प्रावधान किया जा रहा है। हालांकि, प्रदेश में अभी सभी कैबिनेट मंत्री हैं। उधर, विधानसभा अध्यक्ष का स्वेच्छानुदान एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर दो या फिर तीन करोड़ रुपए किया जा सकता है। नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष का स्वेच्छानुदान भी 50 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए किया जा सकता है।
भाजपा चाहती है विधायक निधि में बढ़ोतरी
सूत्रों का कहना है कि विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि (विधायक निधि) बढ़ाने की लेकर अभी न तो विधानसभा स्तर पर कोई चर्चा शुरू हुई और न ही वित्त, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के स्तर पर। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जुलाई के विधानसभा सत्र में रामेश्वर शर्मा सहित अन्य विधायकों द्वारा निधि बढ़ाए जाने की मांग पर विचार करने का भरोसा दिलाया था।
मध्यप्रदेश में विधायक निधि 5 करोड़ करने की मांग
इसके लिए वित्त मंत्री तरुण भनोत को नेता प्रतिपक्ष सहित वरिष्ठ विधायकों से चर्चा करने के लिए अधिकृत किया था। विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे का कहना है कि इस दिशा में अभी मंथन शुरू नहीं हुआ है। विधायकों को एक करोड़ 85 लाख रुपए विकास निधि और 15 लाख स्वेच्छानुदान मिलता है। इस बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए करने की मांग है।
इनका कहना है
स्वेच्छानुदान बढ़ाने को लेकर जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। विधायक निधि बढ़ाने पर विचार विमर्श जारी है।
तरुण भनोत, मंत्री, वित्त योजना आर्थिक सांख्यिकी