मनुष्य के जीवन में उतार-चढ़ाव तो आते ही है, लेकिन कई बार कुछ इस तरह के परिवर्तन आते हैं जो अप्रत्याशित होते हैं और पूरे जीवन की दिशा ही बदल देते हैं। इस तरह के घटनाक्रम शनि देव की दृष्टि के कारण होते हैं। शास्त्रों में प्रमाण सहित बताया गया है कि शनि देव की दृष्टि के कारण कई राजा रंक हुए और कई रंक राजा बन गए। अतः जीवन में शनिदेव को प्रसन्न ना रखना अनिवार्य है। यह केवल शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती या ढैया के समय ही अनिवार्य नहीं है बल्कि जीवन भर शनिदेव को प्रसन्न रखने के प्रयास किए जाने चाहिए।
शनि देव को कैसे प्रसन्न करें
शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है अपने माता पिता की सेवा करें एवं उनसे प्रेम पूर्वक व्यवहार करें। यदि माता-पिता प्रसन्न है तो शनिदेव प्रसन्न रहेंगे।
शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं।
लोगों को धोखा देना एवं झूठ बोलना बंद कर दे। शास्त्रों के अनुसार सभ्य आचरण और परिजनों के साथ मधुर व्यवहार शनिदेव को प्रसन्न करता है।
प्रत्येक शनिवार को पीपल के पौधे का रोपण करें। पीपल का पौधा रोपण एवं उसकी देखभाल शनिदेव की प्रसन्नता का कारण है।
अपने आसपास जरूरतमंद लोगों की मदद करें। शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र "ओम नमः शिवाय" का जप करने से शनिदेव का क्रोध शांत होता है।
भगवान श्री कृष्ण का मंत्र "ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः" का जप करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
स्त्रियों का सम्मान करने वाले व्यक्ति को शनि देव उसके पापा का न्यूनतम दंड देते हैं।
नौकरी में प्रमोशन एवं व्यापार में सफलता के लिए सरल एवं अचूक उपाय
शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके धुले हुए वस्त्र धारण करें।
शनि देव की प्रतिमा या प्रतीक के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
आसन पर बैठकर शनि स्त्रोत का मात्र 3 बार पाठ करें।
शनि स्त्रोत का पाठ करने के उपरांत गुड़ एवं चने का भोग लगाएं।
गुड़ चने का भोग 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों में वितरित करें।
यह उपाय करने से नौकरी में प्रमोशन एवं व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
शनिदेव को प्रसन्न करने का अचूक टोटका
शनिवार के दिन शाम के समय पश्चिम दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं।
लोहे के पात्र जैसे कटोरी इत्यादि में सरसों का तेल भर ले।
रुद्राक्ष की माला लेकर शनिदेव का मंत्र "ॐ शं शनिश्चराये नमः" का 108 जाप करें।
जाप पूर्ण होने के बाद अपना चेहरा उस तेल में देखें फिर यह तेल शनिदेव के मंदिर में दान करें।
आपका व्यवसाय कुछ भी हो, शनिदेव की कृपा प्राप्त होगी।