भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कैंसर की सिकाई (रेडियोथैरेपी) की सुविधा बुधवार से शुरू हो गई है। यहां हर दिन 40 मरीजों को रेडियोथैरेपी दी जा सकेगी। सिकाई की दरें एम्स दिल्ली या आयुष्मान भारत योजना की दरों के अनुसार होंगी। इन दरों के अनुसार एक मरीज को पूरा डोज देने में करीब 3 हजार रुपए खर्च होंगे। एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने इस सुविधा का शुभारंभ किया। पहले दिन 50 साल की एक महिला को रेडियोथैरेपी दी गई। इस दौरान रेडियोथैरेपी विभाग के प्रमुख डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. शैकत दास, डॉ. विपिन खराडे व मेडिकल फिजिसिस्ट डॉ. वीपी पांडे मौजूद थे।
कैंसर की सिकाई के लिए रेडियोथैरेपी विभाग में अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलरेटर मशीन लगाई गई है। प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में अभी लीनियर एक्सीलरेटर की सुविधा नहीं थी। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा था। निजी अस्पतालों में मरीज को पूरे डोज देने में करीब 45 हजार रुपए का खर्च आता है। एम्स में करीब सालभर पहले यह सुविधा शुरू करने की तैयारी थी, पर पहले बंकर बनाने में देरी हुई। इसके बाद फिजिसिस्ट नहीं होने की वजह से मशीन शुरू नहीं हो पा रही थी।
डिजिटल फ्लोरोस्कोपी की सुविधा शुरू
एम्स के रेडियोडायग्नोसिस विभाग में डिजिटल रेडियोग्राफी फ्लोरोस्कोपी (डीआरएफ) यूनिट शुरू की गई है। यह एक्सरे से ज्यादा उन्नत तकनीक है। इसमें एक्सरे की वीडियो की तरह चलती हुई तस्वीर देखी जा सकती है। मरीजों को रेडिएशन भी कम होता है। विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश मलिक ने कहा कि डीआरएफ की मदद से पेट संबंधी, पेशाब संबंधी बीमारियों की जांच कंट्रास्ट मीडिया के जरिए आसानी से की जा सकती है।