भोपाल। एशिया फाउंडेशन, सेफ्टीपिन एवं सेंटर सोशल रिसर्च द्वारा कराए गए एक सर्वे में सामने आया है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हर दूसरी लड़की को यौन प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है। सर्वे में बताया गया कि सबसे ज्यादा यौन प्रताड़ना है पब्लिक ट्रांसपोर्ट यानी सार्वजनिक परिवहन की बस, ऑटो, ओला उबर जैसी कैब सर्विस और ई-रिक्शा मैं होती हैं।
भोपाल में लड़कियां ग्वालियर से ज्यादा असुरक्षित
मध्य भारत के छोटे शहरों में सुरक्षा मानकों को जांचने के लिए भोपाल, ग्वालियर और जोधपुर में 9133 महिलाओं पर कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है। सर्वे एशिया फाउंडेशन, सेफ्टीपिन और सेंटर सोशल रिसर्च द्वारा ‘वुमन एंड मॉबिलिटी’ पर कराया गया था। इसमें पता चला कि जोधपुर में सबसे ज्यादा यौन प्रताड़ना के 67% मामले रोडवेज बस, ई-रिक्शा, ऑटो और ओला-उबर में हो रहे हैं। भोपाल में हर दो में से एक युवती को गंदी नजरों और हरकतों का शिकार होना पड़ता है। वहीं ग्वालियर में इस तरह के 35% मामले सामने आए हैं।
क्यों कराए गए सर्वे
अध्ययन में इन शहरों का मकसद था- बड़े शहरों के तर्ज पर छोटे शहरों की घटनाओं को भी सामने लाना। क्योंकि दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में जब महिलाओं पर अत्याचार होता है तो पूरा देश उस पर बहस करने लगता है। जबकि छोटे शहरों की स्थिति पर भी उसी स्तर का संवाद जरूरी है। इसे लेकर ट्रांसपोर्टरों ने कहा- इसके लिए युवतियां ही जिम्मेदार हैं।