भोपाल। भोपाल के लोग बेहद दहशत में है। 1984 में मंडीदीप से एक जहरीला धुआं निकला और हजारों लोग काल के गाल में समा गए। इतिहास में इस घटना को 'भोपाल गैस कांड' के नाम से दर्ज किया गया। एक बार फिर मंडीदीप से जहरीली गैस आ रही है। पिछले गुरुवार को पहली बार इस तरह की गैस आई थी। इस गुरुवार 21 नवंबर 2019 को फिर से वैसी ही जहरीली गैस आई। 1 सप्ताह में लगातार दूसरी बार इस तरह की जहरीली गैस में लोगों में दहशत पैदा करती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी केवल HEG कंपनी को बचाने की कोशिश में लगे हैं। 1 सप्ताह गुजर जाने के बाद भी यह बताने में सक्षम नहीं है कि यह जहरीली गैस आती कहां से है।
बीते गुरुवार की तरह इस गुरुवार को भी उद्योग नगरी में रात 9.30 से 10 बजे तक दहशत फैलाने वाला जहरीला धुआं अचानक फैल गया, जिसने लोगों को बेचैन कर दिया। इस धुएं से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और खांसी की शिकायत होने लगी थी। धुएं का असर क्षेत्र में करीब आधे घंटे तक रहा। इसके कारण यहां का एक्यू आई लेबल में एकदम से बढ़ोतरी हुई, जो 286 तक पहुंच गया था। हालांकि धुएं का प्रभाव कम होते ही इसमें तेजी से गिरावट भी दर्ज की गई। यह धुआं किस कारखाने से निकला था, इसका पता नहीं लग पाया।
पिछले गुरुवार जहरीली गैस से 16 साल की दिशा जैन की मौत हो गई थी
गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को भी एक अज्ञात कारखाने द्वारा जहरीला धुआं छोड़ा गया था, जिसने पटेल नगर क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया था। इतना ही नहीं इस जहरीले धुएं के कारण यहां के सुबोध जैन की 16 वर्षीय बेटी दिशा की मौत होना भी बताई जा रही है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नाकाम
इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है। 1 सप्ताह में लगातार दूसरी बार जहरीली गैस मंडीदीप से भोपाल तक आई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी यह बताने में असफल है कि यह जहरीली गैस आ कहां से रही है। मंडल के कार्यपालन यंत्री आरआर सेंगर दावा कर रहे हैं कि क्षेत्र में विजिलेंस की टीम लगातार निरीक्षण कर रही है। इससे पिछले कुछ समय में इंडस्ट्रियल एरिया से आने वाले धुएं में काफी गिरावट आई है लेकिन कार्यपालन यंत्री सेंगर का दावा उस समय बेकार साबित हो गया जब इस बार गुरुवार को फिर जहरीली गैस आई।