भोपाल। हरे-भरे भोपाल के आसमान पर पिछले दिनों अचानक जहरीले धुएं की चादर नजर आई। प्रदूषण नापने वाली स्केल पर प्रदूषण का स्तर 50 से कम होना चाहिए था लेकिन भोपाल में अचानक 240 हो गया। बड़ा सवाल यह कि यह जहरीला धुआं आया कहां से। संदेह की जद में है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी। वह जहरीले धुएं का सोर्स पता करने के बजाए कुछ कंपनियों को कार्यवाही से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
जहरीले दोहे से लोगों में दहशत
बता दें कि गुरुवार दिनांक 14 नवंबर 2019 की रात अचानक मंडीदीप की तरफ से जहरीला धुआं आना शुरू हुआ। और इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता चला गया। मंडीदीप से लेकर होशंगाबाद रोड और अरेरा कॉलोनी तक के लोग दहशत में है। अचानक जहरीला धुआं कहां से आया। बता दें कि भोपाल से पहले एक बार इसी तरह के जहरीले का शिकार हो चुका है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
लोगों का कहना है कि यह जादुई HEG कंपनी के पीछे से आ रहा था। जबकि कंपनी के लोगों का कहना है कि नगर पालिका ने उनके परिसर के पीछे कचरा जलाया था जिसके कारण यह धुआं उठा। सारी की सारी जांच पड़ताल या तो पत्रकार कर रहे हैं या फिर स्थानीय पुलिस। इस मामले का विशेषज्ञ विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अब तक मौके पर नहीं पहुंचे हैं। पीसीबी के इंस्पेक्टर आरआर सेंगर ने कहा कि घटना के बाद शुक्रवार को वे पेशी पर इंदौर गए हुए थे। उन्होंने एचईजी कंपनी का पक्ष लेते हुए बताया कि कंपनी के पास अत्याधुनिक संयत्र लगे हुए है।
लोकल पुलिस ने दो कंपनियों को नोटिस जारी किए
इस मामले में एसडीएम विनीत तिवारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए मंडीदीप थाना टीआई को निर्देशित किया है। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव का कहना है कि उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट मंगाई है। टीआई राजेश तिवारी ने कहा कि इस मामले में एचईजी और सांवरिया कंपनी प्रबंधन को नोटिस जारी किए गए हैं।