मुंबई। महाराष्ट्र में चल रहे महासंग्राम के बीच शिवसेना ने ऐलान कर दिया है कि हम बिना भाजपा के भी सरकार बना सकते हैं। यसाथ ही भाजपा नेता अमित शाह के लिए यह भी कहा है कि वो इतना अहंकार ना पालें। वक्त के सागर में कई सिकन्दर डूब चुके हैं।
शुक्रवार को एक बार फिर से शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘अगर शिवसेना ने निर्णय कर लिया तो महाराष्ट्र में स्थायी सरकार गठन के लिए बहुमत जुटा सकती है। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘राज्य की जनता चाहती है कि जो भाजपा-शिवसेना के बीच 50-50 का फॉर्मूला तय हुआ था, उसी पर बात आगे बढ़े। अगर ऐसा नहीं होता तो फिर उद्धव जी और हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचता।
कांग्रेस शिवसेना को बिना शर्त समर्थन के लिए तैयार
राउत ने कहा, ‘‘हर पार्टी की अपनी-अपनी सोच होती है। कांग्रेस जिस प्रकार की राजनीति करती आई है, वह भी नहीं चाहेगी कि सत्ता भाजपा के पास आ जाए। हमारी कोई चर्चा उनसे नहीं हुई। लेकिन शिवसेना चाहे तो बहुमत जुटा सकती है। अगर उद्धव जी ने कहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा तो वह जरूर होगा। अगर हम चाहें तो दो-तिहाई बहुमत से सरकार बना सकते हैं। हम कहेंगे कि अगर आपके पास (भाजपा) बहुत नहीं है तो सरकार बनाने की हिम्मत न करें।
हम भाजपा को कोई अल्टीमेटम नहीं देना चाहते
हम व्यापारी नहीं हैं, इसलिए हम व्यापार की बात नहीं करते। जिसके पास बहुमत है, वे सरकार बना लें। वे सबसे बड़ी पार्टी है। अगर वे दावा पेश करते हैं या राज्यपाल उन्हें बुलाते हैं तो यह उनका लुकआउट है। शिवसेना भाजपा को कोई अल्टीमेटम नहीं देना चाहती। वह बड़ी पार्टी है, पूरी दुनिया में उनके लोग हैं। हम बहुत छोटी पार्टी हैं और सिर्फ महाराष्ट्र की बात करते हैं।’’
शरद पवार से राउत ने की थी मुलाकात
इससे पहले गुरुवार शाम को संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि राज्य में सरकार गठन में राकांपा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। राउत के मुलाकात के बाद शरद पवार के आवास पर राकांपा नेताओं की बैठक भी हुई। इसमें सुप्रिया सुले, धनंजय मुंडे और अजित पवार शामिल हुए। हालांकि, इस बैठक के बाद पार्टी की ओर से बयान दिया गया कि हमें विपक्ष में बैठने के लिए जनादेश मिला है।
मुख्यमंत्री तो देवेंद्र फडणवीस ही होंगे: भाजपा
इधर, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने एक चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘राज्य का मुख्यमंत्री उनका होगा। यह शिवसेना की इच्छा है। हर व्यक्ति अपनी इच्छा रख सकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि दीपावली की छुट्टियों के कारण सरकार गठन को लेकर शिवसेना से चर्चा में देरी हुई। मुख्यमंत्री तो देवेंद्र फडणवीस ही होंगे। चर्चा इसके अलावा होनी है। सत्ता को लेकर 50-50 का फॉर्मूला सिर्फ मीडिया में आया है। हमारे बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई थी।’’