विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा अब बॉलीवुड से ज्यादा क्रिकेट की वजह से चर्चाओं में रहतीं हैं। एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने उनका नाम लिया है। फारुख इंजीनियर है ऐसे प्रसन्न का जिक्र छेड़ दिया कि अनुष्का शर्मा तिलमिला उठी। बता दें कि अनुष्का शर्मा खुद क्रिकेट में काफी रुचि लेती है लेकिन अब जब क्रिकेट की राजनीति में उनका नाम आया तो अनुष्का शर्मा तिलमिला उठी।
मेरा नाम इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है
अनुष्का शर्मा ने अपनी इस पोस्ट के जरिए फारुख इंजीनियर समेत अपने ट्रोलर्स पर पलटवार किया है। अनुष्का शर्मा ने कहा कि यह झूठ है कि मुझे वर्ल्ड कप मैच के दौरान सेलेक्टर्स द्वारा चाय परोसी गई थी। मैं वर्ल्ड कप का सिर्फ एक मैच देखने के लिए गई थी, ये मैच भी मैंने सेलेक्टर्स बॉक्स में नहीं फैमिली बॉक्स में बैठकर देखा था। अनुष्का ने कहा कि अगर आप सेलेक्शन कमेटी पर सवाल उठाना चाहते हैं तो आप उसके लिए स्वतंत्र हैं। कृपया अपने आरोप को सच साबित करने के लिए मेरा नाम न घसीटें। किसी को भी ऐसी चीजों में मेरा नाम इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। वैसे भी आपको बता दूं, मैं कॉफी पीती हूं।
क्या कहा था फारुख इंजीनियर ने?
फारुख इंजीनियर ने कहा, 'हमारे पास मिकी माउस सेलेक्शन कमिटी है। टीम चयन कोई चुनौती नहीं है, क्योंकि इसमें कप्तान विराट कोहली की काफी चलती है।' 82 वर्षीय फारुख इंजीनियर ने कहा, 'सेलेक्टर्स की योग्यता क्या है? सभी ने मिलकर 10-12 टेस्ट मैच खेले हैं। मैं वर्ल्ड कप के समय एक चयनकर्ता को पहचान भी नहीं पाया और पूछा कि यह कौन है, क्योंकि उसने भारतीय ब्लेजर पहना था। वह सभी अनुष्का शर्मा इर्दगिर्द घूम रहे थे।' इंजीनियर ने कहा, 'मैंने किसी से पूछा यह कौन था जिसने भारत का ब्लेजर पहन रखा था, तो उसने बताया कि यह एक सेलेक्टर है। वे सिर्फ विराट की पत्नी अनुष्का शर्मा को चाय के कप दे रहे थे।'
फारुख इंजीनियर का मानना है कि चयनकर्ता का पद बड़े नामों को मिलना चाहिए। एमएसके प्रसाद से पहले संदीप पाटिल, श्रीकांत और दिलीप वेंगसरकर जैसे बड़े नाम भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता थे। ये तीनों खिलाड़ी 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा थे। फारुख इंजीनियर ने कहा, 'मुझे लगता है कि दिलीप वेंगसरकर का कद का इंसान चयन समिति में होना चाहिए।'