भोपाल। मध्यप्रदेश तृतीयवर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओ.पी. कटियार एवं उपप्रांताध्यक्ष लक्ष्मीनारायण शर्मा ने मध्यप्रदेश मंत्री परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के नियम 8 (1) में बदलाव कर परिविक्षा अवधि 2 वर्ष से बढाकर 3 वर्ष किये जाने एवं परीविक्षा अवधि में वेतन के बदले स्टायफण्ड दिये जाने का निर्णय लिये जाने पर नाराजगी जताई है।
इस संबंध में उन्होने मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर इसे केवल तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर ही लागू होने से प्रदेश के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के हितो पर कुठाराघात निरूपित किया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओ.पी. कटियार एवं उपप्रांताध्यक्ष लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि हाल ही में मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के नियम 8 (1) के तहत सीधी भर्ती के पद पर चयनित उम्मीदवारों को प्रथमत: तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर रखा जाने का निर्णय लिया है।
परिवीक्षा अवधि में उस पद के वेतनमान के न्यूनतम का प्रथम वर्ष में 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत और तृतीय वर्ष में 90 प्रतिशत राशि स्टायपेंड के रूप में दिया जायेगा। इस संशोधन का असर केवल तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर ही होगा क्योकि यह व्यवस्था ऐसी सभी सेवाओं के लिए लागू नही होगी जिसके लिये लोक सेवा आयोग द्वारा चयन परीक्षा ली जाती है।