अलीराजपुर। योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने गत दिनों दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों (Dalits, tribals and backward) के लिए कार्य करने वाले सामाजिक रजिस्टर्ड संवैधानिक संगठनों को सार्वजनिक मंच से वैचारिक आतंकवाद बताया था। जिसके बाद पूरे देश के बहुजन समाज के सभी संगठनों में रोष है। तब से लेकर बाबा रामदेव का विरोध जारी है। इसी कड़ी में बस स्टैंड पर बाबा रामदेव का पुतला दहन किया गया। संगठन ने बाबा रामदेव के खिलाफ नारेबाजी की।
पतंजलि का बहिष्कार (Boycott of Patanjali product) करने की बात कही। सभी बहुजन समाज से पतंजलि प्रोडक्ट के उपयोग और विक्रय न करने की अपील की है। आदिवासी समाज व बिरसा ब्रिगेड ने शनिवार को एसपी को ज्ञापन देकर बाबा रामदेव पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। ब्रिगेड के पदाधिकारियों ने कहा बाबा रामदेव को किसी भी आदिवासी क्षेत्रों में घुसने नहीं दिया जाएगा। काले झंडों से विरोध करेंगे। बाबा रामदेव के बयान को लेकर सालम सोलंकी ने कहा तमाम आदिवासी व दलित संगठन डाॅ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को मानते हुए भारतीय संविधान को अपना आदर्श मानकर संवैधानिक दायरे में रहकर समाज की जागृति के लिए कार्य कर रहे हैं। ऐसे में बाबा साहेब व भारतीय संविधान को मनाने वाले को वैचारिक आंतकवादी कहना भारतीय संविधान और पूरे लोकतंत्र का अपमान है।
सुरेश सेमलिया ने कहा जातिगत भेदभाव और समानता के लिए संघर्ष करने वाले संत इवी रामास्वामी नाईकर पेरियार जो कि पूरे दक्षिण भारत मे ईश्वरतुल्य पूजनीय है ऐसे महान समाज सुधारक का अपमान आदिवासी समाज कभी सहन नहीं कर सकता। मुकेश रावत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। आदिवासी समाज ने बिरसा ब्रिगेड के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व राज्यपाल को ज्ञापन देकर अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के पैरा 1, 2, 3, 5, 6 का उल्लंघन मानते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की। अन्यथा बाबा रामदेव के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी।