ग्वालियर। ग्वालियर की किस वक्त हमेशा सिंधिया परिवार के आसपास ही घूमती रहती है। पिछले साल ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण ग्वालियर व्यापार मेले को टैक्स में छूट मिल गई थी। इस साल ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण ग्वालियर व्यापार मेले को छूट नहीं मिलेगी। जबकि ग्वालियर व्यापार मेले में न तो ग्राहक सिंधिया के नाम पर आते हैं और न ही व्यापारी सिंधिया के नाम पर कारोबार करते हैं। यह मेला सरकार के कारण लोकप्रिय हुआ था और सरकार के कारण ही गर्त में जा रहा है।
ग्वालियर मेले को छूट दी तो सब मांगेंगे: मुख्यमंत्री
ट्रांजिट विजिट पर ग्वालियर आए मुख्यमंत्री कमलनाथ से मेले के व्यापारियों ने मुलाकात कर मेले में वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर छूट के लिए ज्ञापन भी दिया। सीएम ने छूट को लेकर सकारात्मक संकेत देने की बजाए व्यापारियों को बताया कि पिछली बार छूट देने से सरकार को 30 करोड़ का नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि अगर इस बार भी छूट दी गई तो भोपाल व सतना भी छूट मांगेंगे। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री ने ग्वालियर व्यापार मेले को किसी भी प्रकार की रियायत देने से मना कर दिया है।
ग्वालियर मेले को छूट के कारण पिछले साल 1000 करोड़ का कारोबार हुआ था
मुरैना में आयोजित शादी समारोह में शिरकत करने सीएम कमलनाथ ट्रांजिट विजिट पर ग्वालियर आए। मुरैना से लौटने के बाद सीएम से कैट व माधवराव सिंधिया व्यापार मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, उपाध्यक्ष व प्रवक्ता अनिल पूनियानी ने विमानतल पर सीएम को ज्ञापन देकर मेले में छूट देने की मांग की। सीएम ने कहा कि उन्हें भोपाल में अधिकारियों ने बताया था कि पिछली साल छूट देने से सरकार को 30 करोड़ का नुकसान हुआ था। व्यापारियों के साथ आशीष राठौर ने मेले में छूट देने की पैरोकारी करते हुए सीएम को बताया कि पिछली बार छूट देने से मेले का कोराबार बढ़कर एक हजार करोड़ रुपए हो गया था।
सारा खेल सिंधिया के इर्द-गिर्द
दरअसल यह सारा खेल ज्योतिरादित्य सिंधिया के इर्द-गिर्द चल रहा है। मेला, व्यापारी और जनता से ज्यादा महत्वपूर्ण ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव और तनाव नजर आ रहा है। पिछले साल सिंधिया और कमलनाथ के रिश्ते अच्छे थे इसलिए छूट मिल गई थी, इस साल ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कमलनाथ को निशाना बनाकर बयान दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए जिद पकड़ कर बैठे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री ने छूट देने से इनकार कर दिया। ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के पदाधिकारी भी सिंधिया के आसपास ही घूमते नजर आते हैं। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें मात्र 10 मिनट पहले बताया था इसलिए वह मुख्यमंत्री से मिलने पहुंच नहीं पाए। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात करेंगे और उन्हीं के निर्देश पर आगे चलेंगे।